यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 2.56 लाख शिक्षकों की कमी है। राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए 31 मार्च 2015 तक समय देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नए सिरे से प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता निदेशक विक्रम सहाय द्वारा भेजे गए निर्धारित प्रोफार्मा के आधार पर भेजा गया है।
राज्य की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती कई चरणों में की जाएगी। पहले चरण में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके बाद तीन चरणों में 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। इसके बाद रिक्तियों के आधार पर शेष शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद छात्र शिक्षक अनुपात में बदलाव कर दिया है। प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक और उच्च प्राइमरी में 35 बच्चों पर एक शिक्षक रखने की अनिवार्यता है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य कर किया है। एनसीटीई ने 31 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए राज्यों को 1 जनवरी 2012 तक प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों को रखने की अनुमति दी थी। यूपी में टीईटी के विवादों में पड़ने से शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है।
यूपी में सत्ता बदलने के बाद बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर भर्ती के लिए 31 मार्च 2015 तक समय देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 14 मई 2012 को पत्र लिखा गया था। वहां के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता निदेशक विक्रम सहाय ने 28 जून 2012 को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार को पत्र भेजकर शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 23 (2) का पालन करने का परामर्श देते हुए निर्धारित प्रोफार्मा पर प्रस्ताव मांगा गया था। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने नए सिरे से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
इसके मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में 1.77 लाख सहायक अध्यापक और 25058 प्रधानाध्यापक की कमी बताई गई है। उच्च प्राथमिक स्कूलों में 36 हजार 628 सहायक अध्यापक तथा 19 हजार 292 प्रधानाध्यापक की कमी बताई गई है।
इस हिसाब से 2 लाख 56 हजार 978 शिक्षकों की कमी सरकारी स्कूलों में है। प्रस्ताव के मुताबिक पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक प्राइमरी स्कूलों में रखे जाएंगे। इसके बाद तीन चरणों में 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जाएगा।
इस हिसाब से 1 लाख 96 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती होने के बाद 60 हजार 153 शिक्षकों की कमी रह जाएगी। इसके बाद शिक्षकों के शेष रिक्त पदों पर अगले चरण में भर्ती होगी।
राज्य की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती कई चरणों में की जाएगी। पहले चरण में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके बाद तीन चरणों में 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। इसके बाद रिक्तियों के आधार पर शेष शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद छात्र शिक्षक अनुपात में बदलाव कर दिया है। प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक और उच्च प्राइमरी में 35 बच्चों पर एक शिक्षक रखने की अनिवार्यता है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य कर किया है। एनसीटीई ने 31 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए राज्यों को 1 जनवरी 2012 तक प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों को रखने की अनुमति दी थी। यूपी में टीईटी के विवादों में पड़ने से शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है।
यूपी में सत्ता बदलने के बाद बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर भर्ती के लिए 31 मार्च 2015 तक समय देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 14 मई 2012 को पत्र लिखा गया था। वहां के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता निदेशक विक्रम सहाय ने 28 जून 2012 को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार को पत्र भेजकर शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 23 (2) का पालन करने का परामर्श देते हुए निर्धारित प्रोफार्मा पर प्रस्ताव मांगा गया था। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने नए सिरे से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
इसके मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में 1.77 लाख सहायक अध्यापक और 25058 प्रधानाध्यापक की कमी बताई गई है। उच्च प्राथमिक स्कूलों में 36 हजार 628 सहायक अध्यापक तथा 19 हजार 292 प्रधानाध्यापक की कमी बताई गई है।
इस हिसाब से 2 लाख 56 हजार 978 शिक्षकों की कमी सरकारी स्कूलों में है। प्रस्ताव के मुताबिक पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक प्राइमरी स्कूलों में रखे जाएंगे। इसके बाद तीन चरणों में 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जाएगा।
इस हिसाब से 1 लाख 96 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती होने के बाद 60 हजार 153 शिक्षकों की कमी रह जाएगी। इसके बाद शिक्षकों के शेष रिक्त पदों पर अगले चरण में भर्ती होगी।

Yar up me kam kb hoga,
ReplyDeletebs neta giri krwalo kitni bhi
He prabhu bharti kb hogi.jaldi bharti ho.
ReplyDeleteCm bed walo ke sath anyay kr rhe h.bed walo ke liye tet.or shikshamitro ke liye tet exam kyo ni.jabki ncte ne prt k liye tet anivary h.ye bed walo ke sath bhed bhao or ncte ke niymo ka ulanghan h.hum ye ni hone dege.rules sbke liye ek hone chayiye.hum eske liye supream cort jayege.jay mata ki.
ReplyDeleteyou are right krishna ji...
ReplyDeleteBLOG EDITOR JI PLEASE YAH BATAI KI KYA GOV. VIGYAPAN KA ADHAR CHANGE KAR SAKATI HAI. JABAKI SAB KUCH LAGABAG DECIDE HO CHUKA HAI.
ReplyDeleteBLOG EDITOR JI PLEASE YAH BATAI KI KYA GOV. VIGYAPAN KA ADHAR CHANGE KAR SAKATI HAI. JABAKI SAB KUCH LAGABAG DECIDE HO CHUKA HAI.
ReplyDeleteImpossible
ReplyDeleteYahi to dekhna h 6 aug ko ki india me abhi nyaye zinda h ya mar gaya.
ReplyDeletekoi nai news hai tet se related ki ab sb 6 august k bad pta chalega
ReplyDeleteJab tet bach gaya to tet merit hi banegi.INSHA ALLAHA.
ReplyDeletehi
ReplyDeletehi
ReplyDeletekal kya ham third party bane hai.kya khare ji hamare case dekhenge.ps. Update deye tahiye.
ReplyDeletePs. Sare tetian ab isi par apne coment dete rahe.
ReplyDeleteare kal kya hoga???????????
ReplyDeletedosto s.c k liye kamar kas lo ab nahi to kab ???????
ReplyDeleteaswani kamar jangid kya karayega yar har bar ps is bar kuch accha ho jay......................
ReplyDeletehi...
ReplyDeleteTet merit zindabad
ReplyDeleteAj acha hi hoga koi bi mat ghabrana.kyo ki himmat -e-marda to maddat-e-khuda.so fikar not. Or sabi God s pray kro. Thanks
ReplyDeletesahi bole tet jindabad.,
ReplyDeleteAasha h aaz arun tondon g tet rankers ke sath nyaye karenge.
ReplyDeleteAasha h aaz arun tondon g tet rankers ke sath nyaye karenge.
ReplyDeleteअभी case 11 चल रहा है 14 न पर हमारा केस है
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