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25 December 2011

Latest UPTET News : मीरजापुर : कैसे वापस होगा आवेदन का शुल्क

मीरजापुर : विंध्याचल मंडल के लगभग पांच हजार टीईटी आवेदकों के सामने धन की वापसी का सवाल है। इन अभ्यर्थियों ने नौकरी पाने की लालसा में परिषद द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार पांच-पांच जनपदों से आवेदन तो कर दिया लेकिन इसके साथ ही उनके ढाई हजार रुपये भी फंस गये। अब नये जारी विज्ञापन के अनुसार मात्र एक ही जगह से पांच सौ रुपये का शुल्क जमा कर पूरे प्रदेश के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह तो उचित भी है और न्यायोचित भी लेकिन आरोप है कि इसे अंतिम तिथि के बाद ही जारी किया गया इससे उन आवेदकों के पैसे फंस गये जो कि पूर्व में आवेदन कर चुके हैं। 
परिषद के द्वारा जारी विज्ञापन में यह बात भी कही गई है कि जो पैसा जमा कर चुके हैं उसे वापस कर दिया जायेगा लेकिन यहीं लाख रुपये का प्रश्न है कि कैसे वापस होगा। परिषद की कार्यप्रणाली इतनी लचर है कि कोई भी काम वह तय समय और निश्चित कार्यक्रम के अनुसार नहीं कर सकती। यही कारण है किपूरे देश में भी परीक्षा कराकर सीबीएसई और अन्य बोर्ड बेदाग रहते हैं लेकिन माध्यमिक शिक्षा परिषद एक प्रदेश में भी परीक्षा कराते समय हिम्मत हार जाती है और तरह-तरह के आरोप उस पर लग जाते हैं। यह मात्र एक विंध्याचल मंडल की बात नहीं है पूरे प्रदेश मे कितने आवेदकों ने यही किया होगा। अब उनका पैसा वापस होना भी एक भाग्य की बात है। यदि दो हजार रुपये प्रति छात्र को परिषद ने चूना लगाया तो कितना धन उसने अनावश्यक एवं अवैध रूप से आवेदकों की मजबूरी का लाभ उठाकर बटोरा। न्याय का तकाजा तो यही है कि इस संबंध में परिषद को जुर्माना भी लगाया जाय। इससे भी बड़ी बात यह है कि परीक्षाफल घोषित हुए एक माह होने को जा रहे हैं लेकिन अभी तक उसका अंकपत्र नहीं मिल सका है। चर्चा है कि उसके लिए भी प्रति अंकपत्र तीन सौ रुपये वसूले जाने हैं। किस तरह से यह धन परिषद ले रही है इस पर अधिकांश आवेदकों को आपत्ति है। फिलहाल तो अंकपत्र अभी नहीं उपलब्ध है। इस संबंध में डायट के प्राचार्य ने पहले ही कह दिया है कि अभी अंकपत्र आये नहीं हैं। अब परिषद यह तय करे कि उसे परीक्षा में मात्र सफल परीक्षार्थियों को ही अंकपत्र देना है कि सभी को। न्याय का तकाजा यही है कि सफल अथवा असफल सभी को अंकपत्र बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध कराया जाय।


पंजीकृत डाक से भेजा जाय अंकपत्र

मीरजापुर : इस संबंध में टीईटी के सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके अंकपत्र पंजीकृत डाक से भेजे जाय। जहां तक परिषद के दृष्टिकोण की बात है वह बहुत स्पष्ट नहीं है। एक तो अभी तक अंकपत्र ही वह नहीं बना सकी है और दूसरे वह यह भी तय नहीं कर सकी है कि अंकपत्र सफल परीक्षार्थी को ही दिया जाय अथवा एक सिरे से सभी परीक्षार्थियों को। उसके बाद भी वह उनका आर्थिक शोषण करना चाहती है। अभी उसे और धन चाहिए। हलिया के रामसुमेर, नगर के हश्चिंद्र, कोन विकास खंड के सुनील व छानबे के हरिशंकर गुप्ता का यही कहना है कि अंकपत्र सीधे पंजीकृत डाक द्वारा उनके डाक के पते पर भेजे जाय।