जालौन-उरई, उ.प्र. : चुनावों की तिथि घोषित होने नेता भले ही खुश हों परंतु टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद प्राथमिक शिक्षक बनने को आतुर आवेदक चिंता में डूब गये है। हजारों रुपये फूंकने के बाद जब नौकरी की आस जगी तब अचानक चुनावों की घोषणा से वे अस्पष्ट स्थिति को लेकर परेशान है। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके मनोज कुमार बाथम ने कहा कि एनसीटीई ने वर्ष 2010 में प्रदेश सरकार को 1 जनवरी 2012 तक बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक शिक्षक नियुक्त करने का समय दिया था। इसके बावजूद सरकार ने नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करने में बहुत देर कर दी जिससे यह मामला अधर में लटक गया है। ब्रजमोहन वर्मा भी निराश भाव से बोले कि उन्होंने विषम आर्थिक परिस्थितियों से जूझकर पहले बीएड किया। फिर कड़ी मेहनत करके टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की। शिक्षक पद के लिए आवेदन करने में करीब 10 हजार रुपये खर्च हो गये। इसके बावजूद अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि चुनावी अधिसूचना के चलते कहीं भर्ती प्रक्रिया रोक तो नहीं दी जायेगी। धीरज साहू ने टीईटी परिणाम को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि टीईटी का संशोधित परिणाम आशंकाओं को जन्म दे चुका है। कहीं एनसीटीई राजनीति का शिकार होकर समय सीमा बढ़ाने से इंकार न कर दे। विवरणीय है कि प्रदेश सरकार ने एनसीटीई से भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगा है। टीईटी उत्तीर्ण संजीव मिश्रा, आशीष, पवन मिश्रा, वाजिब शाह, शिल्पी गुप्ता, विनय पाटकार, साजिद अली, बबिता साहू, राखी, नरेद्र राठौर ने मांग की है कि इस स्थिति में सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि नियुक्तियां अभी होंगी या नहीं और अगर अभी नहीं होंगी तो कब होंगी।