लखनऊ
यूपी में करिश्माई युवा नेता के रूप में उभरे अखिलेश यादव ने गुरुवार को
लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कालेज मैदान में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री
पद की शपथ लेने के साथ ही सत्ता की बागडोर विधिवत संभाल ली। राज्यपाल बीएल
जोशी ने उनके साथ ही 19 कैबिनेट और 28 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई।
मुस्लिम-यादव-ठाकुर (एमवाईटी) समीकरण के साथ युवाओं पर तजुर्बा भारी पड़ा।
सपा को अपराधीकरण से मुक्त करने का दावा करने वाले अखिलेश के मंत्रिमंडल
में शामिल मंत्रियों में से दो दर्जन से ज्यादा पर आपराधिक मुकदमे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात बाहुबली राजा भैया का कबीना मंत्री बनना रहा।
अखिलेश के कैबिनेट मंत्रियों में एक को छोड़कर बाकी पूर्व में भी मंत्री
रहे हैं। अम्बिका चौधरी चुनाव हारने पर भी मंत्री बने हैं। उम्र के लिहाज
से चार कैबिनेट मंत्री 70 साल से भी ज्यादा के हैं। सात मंत्री 60-70 साल व
छह मंत्री 50-60 वर्ष की उम्र के बीच के हैं। सिर्फ दो कैबिनेट मंत्री ही
50 साल से कम के हैं। 28 राज्य मंत्रियों में से सिर्फ दो ऐसे हैं जिनकी
उम्र 40 वर्ष से कम है। इनमें पहली बार विधायक बने 34 वर्षीय अभिषेक मिश्र
हैं जो आइआइएम अहमदाबाद में एसोसिएट प्रोफेसर रहे हैं। दूसरी विधायक हैं 38
वर्षीया अरुणा कोरी। वे एक मात्र महिला मंत्री हैं। क्षत्रिय व मुस्लिम
समाज से दस-दस मंत्रियों के अलावा आठ यादव, तीन कुर्मी, दो लोधी और एक-एक
मंत्री वैश्य, मल्लाह व चौरसिया समाज से है। दलित कोटे में बने छह
मंत्रियों में से पांच गैर जाटव हैं। चार मंत्री ब्राह्मण समाज से हैं।
भूमिहार, पंजाबी, कायस्थ, जाट व गुर्जर बिरादरी को प्रतिनिधित्व नहीं मिल
सका। शपथ ग्रहण के बाद सरकारी आवास, पांच कालिदास मार्ग में सूबे के 33वें
मुख्यमंत्री अखिलेश ने राजा भैया को मंत्री बनाने पर यह कहते हुए सफाई पेश
की कि आपको भी पाता है कि उन पर कैसे केस हैं और वे कब दर्ज हुए। सत्ता
संभालने के साथ ही युवा मुख्यमंत्री ने जहां भ्रष्ट और अन्यायी अफसरों के
खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही वहीं फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा भी
की।
उन्होंने प्रदेशवासियों के साथ ही सपा के वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देते
हुए कहा, अब सूबे की कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी उन पर है।
चुनावी वादों को पूरा करने के लिए अरबों रुपये जुटाने के सवाल पर अखिलेश
ने कहा, जब पत्थरों, मूर्तियों व पार्को के लिए हजारों करोड़ रुपये जुटाए
जा सकते हैं तो बेरोजगारी भत्ता या कंप्यूटर-लैपटाप के लिए क्यों नहीं जुट
सकते। खाली खजाने के सवाल पर कहा, पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बड़े पैमाने
पर भ्रष्टाचार के कारण यह स्थिति हुई है। यदि भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से
अंकुश लगा दिया जाए तो विकास योजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी धन को लूटने वाले अफसरों को दंडित किया
जाएगा। पार्को के निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी। केंद्रीय
राजनीति में पार्टी की भूमिका पर अखिलेश ने कहा कि उसके बारे में नेता जी
(सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव) बताएंगे।

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