लखनऊ :
सपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रियों के चयन में युवा जोश
के साथ तजुर्बे को तरजीह दी है। जिन 19 कैबिनेट मंत्रियों ने गुरुवार को
अखिलेश के साथ शपथ ली है, उनमें से एक को छोड़कर बाकी सभी पूर्व में भी
मंत्री रहे हैं। आनंद सिंह तो 1969 में कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके
हैं। अंबिका चौधरी को चुनाव हार जाने के बावजूद मंत्री बनाया गया है। सिर्फ
दुर्गा प्रसाद यादव ही पहली बार मंत्री बने हैं।
एमवाईटी समीकरण पर जोर
अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में मुस्लिम यादव और ठाकुर जाति के मंत्रियों का
दबदबा दिखा। इसके साथ ही पूर्वाचल छाया रहा। विधानसभा के बाद सपा की
निगाहें 2014 के लोकसभा चुनाव पर है इसलिए मंत्रियों के चयन में जातीय गणित
का पूरा ध्यान रखा गया। परम्परागत एमवाई (मुस्लिम यादव) समीकरण में
क्षत्रियों को जोड़कर नया गणित तैयार करने की कोशिश की गई है। क्षत्रिय
समाज से दस मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसमें पांच कैबिनेट मंत्री भी है।
इसके अलावा दस मुस्लिम और आठ यादव मंत्रियों को भी अखिलेश ने पूर्ण
बहुमत वाली सरकार में शामिल किया। पार्टी ने मुसलमानों को भी मंत्रिमंडल
में भरपूर प्रतिनिधित्व दिया। जेपीनगर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़ व बाराबंकी
जिलों से एक से ज्यादा मंत्री बनाने पड़े।
क्षेत्रीय समीकरण
मंत्रिमंडल के क्षेत्रीय आधार पर प्रतिनिधित्व पर गौर करें तो अखिलेश ने
सर्वांधिक सपा के विधायक जिताने वाले पूर्वाचल को अतिरिक्त अहमियत दी। कुल
19 कैबिनेट मंत्रियों में से 15 पूर्वाचल से है जबकि मध्य उप्र से एक
कैबिनेट मंत्री बनाया गया। पूर्वाचल के बाद मंत्रिमंडल में पश्चिम उप्र को
स्थान मिला। तीन कैबिनेट मंत्रियों के अलावा 14 नए राज्य मंत्री पश्चिमी
जिलों से ताल्लुक रखते है लेकिन बुंदेलखंड को मंत्रिमंडल में कोई स्थान न
मिल पाना चर्चा का मुद्दा बना है। उल्लेखनीय है बुंदेलखंड क्षेत्र में बसपा
बढ़त पाने में कामयाब रही थी।
12 जिलों में 24 मंत्री
जिलेवार प्रतिनिधित्व देने में भी अखिलेश का मंत्रिमंडल असंतुलित रहा। केवल
12 जिलों से ही दो दर्जन मंत्रियों को शपथ दिला दी। बाराबंकी व आजमगढ़ से
तीन तीन मंत्री बनाए गए बिजनौर, जेपीनगर, गौंडा, सीतापुर, देवरिया, आजमगढ़,
बस्ती, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर आदि जिलों से दो-दो मंत्रियों ने शपथ ली।
इलाहाबाद, बदायूं, गाजियाबाद, अलीगढ़, मुरादाबाद व गोरखपुर जैसे जिलों को
प्रतिनिधित्व न मिल सका।
बेनी वर्मा की गढ़ में घेराबंदी
चुनाव प्रचार के दौरान सपा पर सर्वाधिक हमले करने वाले केंद्रीय मंत्री
बेनी प्रसाद वर्मा को उनके ही गढ़ में घेरने का पुख्ता इंतजाम अखिलेश ने
किया है। बेनी बाबू से हिसाब चुकता करने को उनके गृह जनपद बाराबंकी से तीन
मंत्री बनाने के अलावा गोंडा संसदीय क्षेत्र से भी दो कद्दवार नेताओं को
मंत्रिमंडल में स्थान देकर समानांतर पावर सेंटर बनाने का जतन किया है।

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