बलिया :
नियुक्ति
पाने से वंचित बीटीसी 2004 बैच के प्रशिक्षितों का एक प्रतिनिधि मंडल
बुधवार को प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी से मिलकर
उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रशिक्षितों ने मांग की है कि उन्हें भी उनके साथ के
प्रशिक्षितों की तरह नियुक्ति समानता के आधार पर दी जाय। गृह जनपद
बलिया आये बेसिक शिक्षा मंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि बीटीसी
2004 के अभ्यर्थियों का मामला पहले उच्च न्यायालय में था। न्यायालय ने 2009
में आदेश पारित किया कि मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया हो।
इसके बाद
फरवरी 2009 में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों पर 9900
अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण शुरू हो सका। विभागीय लापरवाही के कारण सभी
प्रशिक्षणर्थियों की परीक्षा एक साथ नहीं हो सकी और करीब 75 फीसदी
प्रशिक्षणर्थियों का ही परिणाम पहली बार घोषित हुआ। जिनका परीक्षा परिणाम आ
गया उनकी नियुक्ति जुलाई 2011 में विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में कर भी
दिया। प्रदेश में करीब 2300 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम सितम्बर 2011
में उप्र के रजिस्ट्रार द्वारा घोषित किया गया। इतना सब होने के बाद भी
प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार ने टीईटी पात्रता परीक्षा का बहाना बनाकर
नियुक्ति पर रोक लगा दी। इसी क्रम में नर्सरी टीचर एजुकेशन के उत्तीर्ण
अभ्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल भी बेसिक शिक्षा मंत्री उप्र सरकार से मिलकर
प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु ज्ञापन सौंपा।
मंत्री ने आश्वस्त किया कि इन मसलों पर वे गम्भीरता से विचार करेंगे।
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