13 January 2012

Latest BTC News : सहारनपुर : बीटीसी कालेजों को अनुदान से संचालक हैरान?

सहारनपुर। निजी बीटीसी कालेजों को अनुदान पर लिए जाने की सुगबुगाहट से कालेज संचालक हैरान हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भी मामले से अनभिज्ञ है। बीटीसी के बाद टीईटी की अनिवार्यता ने पहले ही कालेजों की परेशानी बढ़ा दी है
प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीटीसी उत्तीर्ण होना अनिवार्य शर्त थी। शिक्षा अधिकार कानून लागू होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, इनमें शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के अलावा 30 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति किया जाना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का खाका तैयार किया गया है।

प्रदेश में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से कराया जाता है। पिछले एक दशक से बीटीसी का सत्र अनियमित होने के कारण स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद बढ़ते चले गए। हालांकि विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को छह-छह माह का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें स्कूलों में नियुक्ति दी गई। जिले में सत्र 2010-12 के लिए प्रदेश शासन द्वारा निजी बीटीसी कालेजों को मान्यता दी गई थी इनमें जिले के तीन कालेज शामिल थे। निजी कालेजों को अनुदान पर लिए जाने की सुगबुगाहट ने कालेज संचालकों की बेचैनी बढ़ा दी है। हालांकि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी को मामले की जानकारी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अनुदान संबंधी प्रस्ताव पर प्रदेश शासन व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बीच कसरत चल रही है। इस बारे में जब हरि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नकुड़ के चेयरमैन सुभाष चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने चौंकते हुए जवाब दिया कि इसबारे में उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं ही है

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