लखनऊ। विधानभवन के सामने धरना स्थल पर अनशन
 कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों ने सीएम से वार्ता कराने का आश्वासन मिलने के 
बाद सोमवार को अनशन समाप्त कर दिया। आंदोलनकारियों ने बताया कि उनकी वार्ता
 सोमवार को जिलाधिकारी से कराई गई। डीएम 
ने मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता एक सप्ताह में कराने का आश्वासन दिया। जिस 
पर सभी ने सहमति जताते हुए अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया। इसके बाद एडीएम प्रशासन देवेंद्र पांडेय और एडीएम पूर्वी आरपी सिंह ने जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया।
शिक्षा सेवा नियमावली बदलने की प्रक्रिया शुरू
निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन में शुरू हुआ मंथन 
लखनऊ।
 मायावती सरकार के दो महत्वपूर्ण निर्णय को और बदलने की कवायद शासन स्तर पर
 शुरू कर दी गई है। इसमें उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली
 और स्थानांतरण नियमावली को बदल कर पूर्व की तरह करने की प्रक्रिया शुरू कर
 दी गई है। 
सेवा नियमावली में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मेरिट से शिक्षकों की 
भर्ती और स्थानांतरण नियमावली में अंतरजनपदीय तबादले का प्रावधान कर दिया 
गया था।
यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद 
के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त 72 हजार 825 पदों पर भर्ती के लिए मानक 
बदल दिए गए थे। यूपी में पहले शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट के आधार पर 
होती थी, लेकिन नियमावली में संशोधन कर इसे टीईटी मेरिट पर कर दिया गया। इस
 आदेश के बाद टीईटी परीक्षा परिणाम में धांधली का खुलासा हुआ। इसलिए बेसिक 
शिक्षा निदेशालय ने शासन के निर्देश पर शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन का
 प्रस्ताव भेजा था। शिक्षकों
 को मनचाहे जिलों में स्थानांतरण देने के लिए भी नियमावली बदल दी गई थी। 
इसमें प्रावधान कर दिया गया कि शिक्षक पूरे सेवाकाल में एक बार जिस जिले 
में चाहेगा, स्थानांतरण ले सकेगा। इस नियमावली के आधार पर स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसमें करीब 62 हजार शिक्षकों ने आवेदन कर रखा है। अब इस नियमावली
 को भी बदला जा रहा है, ताकि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों का 
तबादला न किया जाए। शिक्षकों का तबादला होने से जिलों में शिक्षकों की कमी 
हो जाती।
बीपीएड डिग्रीधारकों से मिले मुख्यमंत्री
ट्रेन्ड फिजिकल टीचर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को 
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भेंटकर बीपीएड डिग्री धारकों को जूनियर 
हाईस्कूलों में खेल प्रशिक्षक के पद पर नियुक्त करने का अनुरोध किया है। 
मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
बीपीएड
 डिग्री धारकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि समाजवादी पार्टी के पिछले 
शासनकाल के दौरान उन्हें बीएड डिग्री धारकों के बराबर का दर्जा देेते हुए 
प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया जा चुका 
है। पर वर्ष 2011 में बसपा शासनकाल में विशिष्ट बीटीसी के लिए हुई टीईटी 
परीक्षा में बीपीएड डिग्रीधारकों को शामिल नहीं किया गया।






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