16 February 2012

Latest UPTET News : मेरठ : टीईटी पास करने के बाद भी मायूसी, आज निकालेंगे शांति मार्च

टीईटी के अभ्यर्थी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़े। इसे लेकर राजकीय इंटर कालेज से गुरुवार को शांति मार्च निकालेंगे।
मेरठ : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद भी अधिकांश के चेहरे लटके हुए हैं। टीईटी पास करने के बाद वे प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बन पाएंगे कि नहीं इसे लेकर भी संशय से जूझ रहे हैं। बुधवार को राजकीय इंटर कालेज से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद अधिकांश अभ्यर्थियों के चेहरे से खुशी गायब रही।

राजकीय इंटर कालेज में से टीईटी के प्राइमरी और अपर प्राइमरी के प्रमाणपत्र बांटे जा रहे हैं। अपर प्राइमरी के लिए 12 काउंटर और प्राइमरी के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं। सुबह दस से चार बजे के बीच करीब दो हजार से अधिक प्रमाण पत्र बांटे गए। टीईटी घपले में जब से माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन पकड़े गए हैं, तब से टीईटी को लेकर संशय बना हुआ है। प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद अधिकांश अभ्यर्थियों के बीच इसी बात की चर्चा रही कि यदि टीईटी की परीक्षा निरस्त हो गई तो क्या होगा। वहीं, कुछ अभ्यर्थी इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे कि टीईटी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद उन्हें नौकरी तो जरूर मिलेगी। फिर भी अधिकांश टीईटी पास करने के बाद भी नौकरी मिलेगी की नहीं इसे लेकर उहापोह में फंसे हैं।
 
 72 हजार से अधिक शिक्षकों की होनी है भर्ती

पूरे प्रदेश में करीब 72 हजार से अधिक बेसिक शिक्षकों की भर्ती होनी है। टीईटी की परीक्षा से लेकर शिक्षक की नियुक्ति के लिए जो विज्ञापन निकला उसमें भी बार-बार संशोधन किए गए। इससे अभ्यर्थी तक परेशान होने लगे हैं। शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकला तो हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को सरिता शुक्ला एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश के मामले की सुनवाई करते हुए 30 नवंबर को जारी विज्ञप्ति में पांच जनपदों में आवेदन के विकल्प को रद कर दिया। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने 19 दिसंबर को संशोधित विज्ञप्ति जारी की। इसके मुताबिक मनचाहे जिलों का विकल्प दे दिया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने केवल एक ही जिले में आवेदन शुल्क के रूप में पांच सौ रुपये का डीडी लगाना पड़ा। बाकी जिलों में उसी मूल डीडी की फोटोकापी उस जिले के आवेदन पत्र व रजिस्ट्री-स्पीड पोस्ट की छायाप्रति संलग्न करके अन्य जिलों में आवेदन किया। अब आगे की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

टीईटी को लेकर क्यों है मारामारी

निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुक्रम में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना द्वारा कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता के साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना अनिवार्य कर दिया गया। इसके बाद प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की आवश्यकता पड़ी। शासन ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को टीईटी आयोजित कराने का जिम्मा दिया। बाद में इसी परीक्षा की मेरिट को बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों की भर्ती का आधार बना दिया गया। जो टीईटी में घपले का कारण बना।

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