विकास भवन के परिसर में भूख हड़ताल पर बैठे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
हरदोई। शिक्षक बनने का सपना लेकर एक बार फिर से सोमवार को विकास भवन के 
प्रांगण में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी दिखाई दिए। अपनी मांगों की ओर ध्यान 
आकर्षित करवाने को सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल रखी। इसके बाद सीएम 
को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।
टीईटी
 उत्तीर्ण संघ मोर्चा के बैनर तले जुटे उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को संबोधित 
करते हुए जिलाध्यक्ष अवनीश यादव ने कहा कि मोर्चे द्वारा लंबित प्रशिक्षु 
शिक्षक चयन प्रक्रिया में जो आचार संहिता लागू होने से हाईकोर्ट के 
आदेशानुसार जो रोक लगा दी गई थी, उसे पुन: शुरू कराकर उत्तीर्ण अभ्यर्थी जो
 पात्र हैं, उनको शिक्षक बनने का अधिकार देने की मांग की जा रही है। 
उन्होंने कहा कि कुछ अराजकतत्व व अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा द्वेष 
भावना ने प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया, इसलिए मोर्चे मांग करता है कि 
शासनादेशों की अवमानना करने वालों को दंडित किया जाए और इस प्रक्रिया में 
जो भी दोषी पाए जाएं उनको कठोर दंड दिया जाए।
जिससे भविष्य में कोई भी अभ्यर्थी, अधिकारी व कर्मचारी ऐसी परीक्षाओं के 
साथ छेड़खानी करने की हिम्मत न कर सके। उपाध्यक्ष तारीक शफी खां ने कहा कि 
यदि किसी भी तरह से यह परीक्षा निरस्त की जाती है, तो दोषियों का हौसला और 
बढ़ जाएगा और सपने संजोए बैठे अभ्यर्थियों को मानसिक आघात पहुंचेगा। इसके 
बाद भूख हड़ताल में शामिल अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन
 सिटी मजिस्ट्रेट लालमणि मिश्रा को सौंपकर जल्द से जल्द भर्ती कराने की 
मांग की। ज्ञापन में शासनादेश में कोई भी परिवर्तन न करते हुए और जल्द 
विज्ञप्ति के अनुसार व एनसीटीई द्वारा दिए गए दो माह के समय के तहत चयन 
पूरा करने की मांग की गई।
इस मौके पर विपिन चंद्र , पिंकल यादव, कुलदीप कुमार शुक्ल, अरुण कुमार 
बाजपेई, हृदेश श्रीवास्तव, खुशबू श्रीवास्तव, देवेश सिंह, सविता, वीरभद्र, 
अनिल पांडे, प्रवीन सिंह आदि मौजूद थे।
सपने संजोने वाले बोले
‘सीएम अखिलेश यादव के हर निर्णय युवाओं के हित में ही लिए गए हैं। पूरी 
उम्मीद है कि टीईटी के मुद्दे पर भी उनका निर्णय युवाओं के पक्ष में ही 
होगा।’ हृदेश श्रीवास्तव
‘टीईटी की परीक्षा में भ्रष्टाचार पनपने का हवाला देकर पूरी तरह से निरस्त 
कर दिया गया तो इससे प्रक्रिया में अराजकता फैलाने वालों के हौसले बढ़ेंगे।
 कोई भी निर्णय लेते समय इसका ध्यान रखा जाए।’
खुशबू श्रीवास्तव
‘शिक्षक भर्ती में टीईटी के अंकों को ही आधार बनाया जाए। यदि कोई ऐसा 
निर्णय लिया जा रहा हो कि सिर्फ इसे पात्रता रखा जाए तो यह न्याय संगत नहीं
 होगा। टीईटी के नंबरों का वेटेज अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए।’ देवेश 
सिंह।






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