जयपुर.
 तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान शनिवार को कई स्थानों पर 
अफरा-तफरी का माहौल रहा। कई जिलों में प्रश्न-पत्र कम निकलने से परीक्षा एक
 घंटे तक देर से शुरू हुई। अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। भरतपुर में हिंदी, 
उर्दू और अंग्रेजी की परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। बारां में भी हिंदी का 
पेपर रद्द हुआ है। यह परीक्षा 23 जून को होगी।  बाड़मेर में सैकंड ग्रेड का
 शिक्षक दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़े गए। यहीं के एक परीक्षा केंद्र पर
 सरपंच पति दीपाराम बहू को नकल कराते पकड़े गए। चित्तौड़ में करौली के 
नादौती निवासी मनोज कुमार तथा भीनमाल में बाड़मेर के पनोरिया गांव के सूरज 
करण विश्नोई को मोबाइल से नकल करते पकड़ा गया। 
फस्र्ट लेवल के 10,609 पदों 
के लिए 1,34,404 अभ्यर्थियों में से 49,115  (36.54%) तथा सैकंड लेवल के 
28,935 पदों के लिए 5,14,595 अभ्यर्थियों में से 2,16,723 (42.12%) ने 
परीक्षा दी।  प्रथम लेवल में 34.84 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। 
बीएड धारियों को प्रवेश नहीं देने के बाद इस परीक्षा के फस्र्ट लेवल में 
1,40,954 अभ्यर्थी ही बचे। इनमें से 49,115 ने ही परीक्षा दी। पंचायती राज 
विभाग की सचिव और आयुक्त अर्पणा अरोड़ा ने बताया कि अधिकांश स्थानों पर 
परीक्षा शांतिपूर्वक हुई है। कुछ स्थानों पर प्रश्न पत्र कम निकले थे, 
जिनके स्थान पर अभ्यर्थियों को फोटो स्टेट करवाकर पेपर उपलब्ध करवा दिए गए।
 इसी कारण देरी हुई।    
विभागों में तालमेल का अभाव 
पंचायती राज 
विभाग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के बीच तालमेल के अभाव के चलते कई 
अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा। सीईओ की ओर से भेजे गए आवेदनों
 को लेकर प्रवेश पत्र समय पर अपलोड नहीं हो पाए। शुक्रवार रात को सूचना 
प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने सभी सीईओ को अपने स्तर मैन्युअल 
प्रवेश पत्र देने के लिए कह दिया। सुबह जब इसकी प्रक्रिया शुरू हुई तो 
पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने सब सीईओ को फोन करके  ऐसा करने से रोक 
दिया। इससे जयपुर में 20 से अधिक अभ्यर्थी वंचित हो गए। उदयपुर में 30 से 
अधिक अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र नहीं मिले। हंगामा होने पर प्रवेश-पत्र 
दिलाए गए।     
सैकंड की जगह फर्स्ट लेवल की ओएमआर शीट 
जोधपुर के एक 
केंद्र पर द्वितीय लेवल के अभ्यर्थियों को लेवल प्रथम की ओएमआर शीट बांट दी
 गई। जयपुर में 66 केंद्रों पर फस्र्ट लेवल के लिए 21% तथा सैकंड लेवल के 
लिए 44% अभ्यर्थी ही परीक्षा देने पहुंचे। कई जगह अभ्यर्थियों को प्रवेश 
पत्र ही नहीं मिल पाए। चित्तौड़गढ़ के तीन केंद्रों पर प्रश्न पत्र देरी से
 पहुंचने के कारण परीक्षा एक घंटे की देरी से शुरू हुई। यहां सेंटपॉल स्कूल
 पर साइंस मैथ्स के स्थान पर सामाजिक ज्ञान के पेपर निकले। भूपालसागर में 
संस्कृत, उर्दू और हिंदी-अंग्रेजी के पेपरों के साथ ओएमआर शीट नहीं पहुंच 
पाई।  भीलवाड़ा में साइंस मैथ्स के 236 पेपर कम आए। अभ्यर्थियों ने हंगामा 
किया। बाद में आए सील्ड पेपरों के पैकेट से परीक्षा कराई गई।   अजमेर में 
कई स्थानों पर प्रश्न पत्र कम निकले। बाद में फोटो कॉपी करवा कर 
अभ्यर्थियों में बांटे गए। इसके चलते आधा से एक घंटे तक परीक्षा देरी से 
शुरू हुई। दौसा में भी कुछ सेंटरों पर प्रश्नपत्र 30 से 40 मिनट देरी से 
पहुंचे। इसके चलते अभ्यर्थियों ने कलेक्टर के सामने ही हंगामा खड़ा कर 
दिया। महिला अभ्यर्थियों ने तो रोना शुरू कर दिया। हंगामा होने पर जिला 
परिषद के सीईओ टीकम चंद बोहरा ने अभ्यर्थियों को धमकाया और कहा कि जिसे 
परीक्षा नहीं देनी हो वे जा सकते है। इस पर हंगामा बढ़ा तो कलेक्टर ने 
मामला शांत करवाया।   बीकानेर में चौपड़ा स्कूल पर नकल की पर्चियां मिलने 
पर अभ्यर्थियों ने केंद्राधीक्षक के सामने हंगामा किया। एक अभ्यर्थी हुकम 
चंद का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी अपनी पत्नी को नकल करवाने पहुंचा था, 
लेकिन उसके खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया।   श्रीगंगानगर में द्वितीय लेवल में
 हिंदी विषय से पेपर में एक ही प्रश्न दो बार छपा पाया गया। अंग्रेजी विषय 
की अभ्यर्थी को पंजाबी का पेपर पकड़ा दिया गया। हनुमानगढ़ में 424 
परीक्षार्थियों के स्थान पर 420 प्रश्न पत्र और एक अन्य कॉलेज में 488 के 
स्थान पर 600 पेपर निकले। बांसवाड़ा में 240 पेपर कम आए। बाद में उदयपुर से
 पेपर मंगवाए गए। प्रतापगढ़ में भी पेपर कम पाए गए।






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