31 December 2011

Latest News : सरकार से मागा ग्रेजुएट भत्ता, मतदानकर्ता पेंशन

 इलाहाबाद : वाह भई! बहुत खूब! हमारे की वोट से जीतकर प्रत्याशी आम से खास हो जाते हैं। 'माननीय' कहलाते हैं। वेतन, भत्ता, तमाम सुविधाएं व पेंशन पाते हैं और मतदाता को? चुनाव के बाद ठेंगा दिखा दिया जाता है। समानता के अधिकार के तहत निर्वाचित प्रतिनिधियों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं की तरह मतदाताओं को भी मतदानकर्ता पेंशन मिलनी चाहिए। इसके अलावा ग्रेजुएट बेरोजगारों को भी पढ़ाई और 'टेंशन फ्री लाइफ' के लिए प्रति माह पांच हजार रुपये ग्रेजुएट भत्ता मिलना चाहिए।

जी हां, आपको ये मांगें जरूर कुछ अटपटी और अतार्कित लग सकती हैं पर शुक्रवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में सैकड़ों युवाओं ने मतदान के बदले सरकार से कुछ ऐसी ही शर्ते लगाई। वर्तमान राजनैतिक परिदृष्य में युवाओं की समस्याएं विषय पर उत्तर प्रदेश ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित बैठक में कुछ इसी तरह की मांगे रखी गई। एसोसिएशन के रामचंद्र पटेल ने कहा कि जब-जब चुनाव नजदीक आता है मतदाता को देश की रीढ़ कहा जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उन्हें हाशिए पर डाल दिया जाता है। मतदाताओं के बल पर 'माननीय' बनने वाले लोगों को सरकार तमाम सुविधाएं देती है और मतदाता को..केवल आश्वासन।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्षक आरपी सिंह ने कहा कि सरकार की ढुलमुल व अपारदर्शी नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है। बेरोजगारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। ऐसे में सरकार को बेरोजगार ग्रेजुएटों को पांच हजार रुपये प्रति माह ग्रेजुएट भत्ता देना चाहिए। एसोसिएशन के महासचिव गोविंद वल्लभ पटेल ने कहा कि सांसद व विधायकों की पात्रता परीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने 'राइट टू रिजेक्ट' कानून को अविलंब लागू करने की मांग की। बैठक में मोहम्मद कलीम, डॉ. राममनोहर पटेल, रमेश यादव, मोहित शुक्ला, आशीष प्रजापति, विनोद पटेल व देवेंद्र वल्लभ आदि मौजूद रहे।

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