लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी अब मर्जी के मुताबिक जितने जिलों में चाहे आवेदन कर सकेंगे। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 23 दिसंबर होगी। नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को ऐच्छिक जिलों में आवेदन करने का विकल्प तो होगा, लेकिन आवेदन शुल्क के रूप में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को अब सिर्फ एक जिले में 500 रुपये और अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों को 200 रुपये का बैंक ड्राफ्ट देना होगा। शेष जिलों में आवेदन करने के लिए उन्हें आवेदन पत्र के साथ बैंक ड्राफ्ट की फोटो प्रति संलग्न करनी होगी। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की कवायद चल रही है। शिक्षकों की नियुक्ति के सिलसिले में संशोधित विज्ञप्ति शनिवार को जारी होने की संभावना है।
गौरतलब है कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञप्ति में अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन करने का विकल्प दिया गया था। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रत्येक जिले में आवेदन पत्र के साथ संबंधित जिले के प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के पक्ष में देय 500 रुपये का बैंक ड्राफ्ट संलग्न करना था। वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों को हर जिले में आवेदन पत्र के साथ 200 रुपये का बैंक ड्राफ्ट देना था। हाई कोर्ट ने पांच जिलों में आवेदन के विकल्प को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की व्यवस्था के विपरीत, असंगत और अतार्किक करार देते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञप्ति को रद करने का आदेश दिया है। विज्ञप्ति कैबिनेट से 14 सितंबर को अनुमोदित उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा (तेरहवां संशोधन) नियमावली, 2011 पर आधारित थी जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को तीन जिलों में आवेदन करने का विकल्प दिया गया था। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जतायी है, लिहाजा इस प्रावधान को बदलकर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को ऐच्छिक जिलों में आवेदन का विकल्प देने के लिए पुन: नियमावली में फेरबदल की तैयारी है। नए प्रस्ताव में अभ्यर्थियों को भले ही मर्जी के मुताबिक जिलों में आवेदन करने की छूट होगी, लेकिन उन्हें सिर्फ एक जिले के आवेदन पत्र के साथ ही बैंक ड्राफ्ट संलग्न करना होगा। वहीं पुरानी विज्ञप्ति के आधार पर पांच जिलों में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को एक को छोड़कर शेष चार जिलों में जमा किया गया आवेदन शुल्क वापस कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञप्ति में अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन करने का विकल्प दिया गया था। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रत्येक जिले में आवेदन पत्र के साथ संबंधित जिले के प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के पक्ष में देय 500 रुपये का बैंक ड्राफ्ट संलग्न करना था। वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों को हर जिले में आवेदन पत्र के साथ 200 रुपये का बैंक ड्राफ्ट देना था। हाई कोर्ट ने पांच जिलों में आवेदन के विकल्प को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 की व्यवस्था के विपरीत, असंगत और अतार्किक करार देते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञप्ति को रद करने का आदेश दिया है। विज्ञप्ति कैबिनेट से 14 सितंबर को अनुमोदित उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा (तेरहवां संशोधन) नियमावली, 2011 पर आधारित थी जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को तीन जिलों में आवेदन करने का विकल्प दिया गया था। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जतायी है, लिहाजा इस प्रावधान को बदलकर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को ऐच्छिक जिलों में आवेदन का विकल्प देने के लिए पुन: नियमावली में फेरबदल की तैयारी है। नए प्रस्ताव में अभ्यर्थियों को भले ही मर्जी के मुताबिक जिलों में आवेदन करने की छूट होगी, लेकिन उन्हें सिर्फ एक जिले के आवेदन पत्र के साथ ही बैंक ड्राफ्ट संलग्न करना होगा। वहीं पुरानी विज्ञप्ति के आधार पर पांच जिलों में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को एक को छोड़कर शेष चार जिलों में जमा किया गया आवेदन शुल्क वापस कर दिया जाएगा।