कई जिलों में खाली डायट प्राचार्य की कुर्सी, स्टाफ भी कम
चयन प्रक्रिया पूरी करने को शासन ने की वैकल्पिक व्यवस्था
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भले ही जोरशोर से कार्यवाही चल रही हो लेकिन हकीकत यह है कि जिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्यों पर अध्यापकों के चयन की जिम्मेदारी है, प्रदेश के कई जिलों में उनके पद ही रिक्त हैं। डायट में स्टाफ की भी जबर्दस्त कमी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दिशानिर्देश अनुसार परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के 72,825 रिक्त पदों पर बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति पहली जनवरी 2012 तक की जानी है। चयन कार्यवाही जिला स्तर पर डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा होगी। शिक्षक प्रशिक्षण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हर डायट में प्राचार्य व उप प्राचार्य के एक-एक, वरिष्ठ प्रवक्ता के छह, प्रवक्ता के 17 तथा कार्यानुभव शिक्षक, सांख्यिकीकार व तकनीकी सहायक के एक-एक पद स्वीकृत किये हैं। सूबे के कई जिले ऐसे हैं जिनमें शिक्षकों के आवंटित रिक्त पदों की संख्या तो ज्यादा हैं, लेकिन डायट प्राचार्य या उप प्राचार्य पद रिक्त है और स्टाफ कम है।
मिसाल के तौर पर सीतापुर को ही लीजिये। यहां पर 6000 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है लेकिन डायट प्राचार्य पद रिक्त है। उप प्राचार्य 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं। डायट सीतापुर में एक वरिष्ठ प्रवक्ता, तीन प्रवक्ता और दो सहायक अध्यापक हैं। मिर्जापुर में 1650 शिक्षकों की भर्ती होनी है लेकिन डायट में प्राचार्य और उप प्राचार्य पद खाली हैं। यहां एक वरिष्ठ प्रवक्ता और चार प्रवक्ताओं के सहारे काम चलाया जा रहा है। चंदौली में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 1200 पद आवंटित हैं लेकिन यहां भी डायट प्राचार्य और उप प्राचार्य के पद रिक्त हैं। डायट चंदौली में दो वरिष्ठ प्रवक्ता, एक प्रवक्ता और तीन सहायक अध्यापकों के बूते काम चल रहा है। एटा में 700 शिक्षक भर्ती किये जाने हैं लेकिन यहां भी डायट प्राचार्य की कुर्सी खाली है। उप प्राचार्य, तीन प्रवक्ताओं और दो सहायक अध्यापकों के सहारे यहां का डायट किसी तरह अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है। कन्नौज में 400 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है लेकिन यहां के डायट की स्थिति भी डांवाडोल है। डायट में प्राचार्य और उप प्राचार्य के पद रिक्त हैं। एक वरिष्ठ प्रवक्ता, दो प्रवक्ताओं और तीन सहायक अध्यापकों के दम पर यहां काम चलाया जा रहा है।
ऐसी विषम परिस्थिति में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को कहीं ब्रेक न लग जाए, इसलिए शासन ने वैकल्पिक व्यवस्था करने का आदेश जारी किया है। आदेश के तहत सीतापुर में शिक्षकों के चयन की जिम्मेदारी डायट कानपुर नगर के प्राचार्य को सौंपी है। मिर्जापुर में शिक्षक चयन की प्रक्रिया को निपटाने का दायित्व डायट फतेहपुर के प्राचार्य को दिया गया है। चंदौली में शिक्षक चयन की प्रक्रिया पूरी करने का दारोमदार डायट वाराणसी के प्राचार्य और वहां के तीन प्रवक्ताओं पर डाला गया है। एटा में शिक्षकों के चयन की जिम्मेदारी डायट आगरा की प्राचार्य और कन्नौज के लिए यह दायित्व डायट कानपुर देहात को सौंपा गया है। कांशीराम नगर में चूंकि डायट स्थापित नहीं है, इसलिए शिक्षक चयन की जिम्मेदारी आगरा डायट प्राचार्य के हवाले की गई है।