गजरौला (ज्योतिबाफुलेनगर) : सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए निकली विशिष्ट बीटीसी की रिक्तियों में पचास फीसदी सीट हाई मेरिट वालों के हिस्से में जायेंगी। अनारक्षित वर्ग में ऊंची मेरिट वाले किसी भी कैटेगरी के अभ्यर्थी को शामिल कर लिस्ट तैयार होगी। आरक्षण सिर्फ पचास फीसदी सीटों पर दिया जाएगा।
विशिष्ट बीटीसी की भर्ती का विज्ञापन जारी होते ही टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बेचैनी बढ़ गई है। यह अभ्यर्थी मेरिट और चयन प्रक्रिया को लेकर चिंता में हैं।
मीडिया में जारी हुए विज्ञापन में शासन ने जिले वार सीटों का ब्यौरा व आरक्षण की स्थिति भी स्पष्ट की है, मगर इसी विज्ञापन से कई अभ्यर्थियों में संशय की स्थिति भी पैदा हो रही है। कारण है कि विज्ञापन में अनारक्षित, पिछड़ी जाति, एससी व एसटी के साथ विकलांग, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सैनानी कोटे की सीटों का भी अलग-अलग विवरण दिया है। अभ्यर्थी सीटों की संख्या जोड़ रहे हैं, जबकि नियम यह है कि पूरे प्रदेश में पचास फीसदी सीटों पर हाई मेरिट वाले किसी भी कैटेगरी के आवेदक का चयन किया जाएगा। कुल रिक्तियों में 27 फीसदी ओबीसी, 21 फीसदी एससी व दो फीसदी एसटी के आवेदकों को स्थान दिया जायेगा। यानी जिले की दो सौ सीटों में एक सौ अनारक्षित व शेष एक सौ पर जातिगत आरक्षण का लाभ देय होगा। विकलांगों का 3 फीसदी कोटा, भूतपूर्व सैनिकों का 5 फीसदी कोटा व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का 2 फीसदी कोटा उनके जातिगत आरक्षण में देय होगा। यानी आरक्षण साठ फीसदी नहीं, सिर्फ पचास फीसदी ही दिया जाएगा।
प्राचार्य डायट डा. प्रवेश कुमार यादव का कहना है कि जेपीनगर में ओबीसी वर्ग को 54, एससी जाति को 42 व एसटी के आवेदकों को चार सीटों पर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। विकलांग, भूतपूर्व सैनिक व स्वतंत्रता संग्राम सैनानी जिस जाति का होगा। उसकी जाति के आरक्षण में उसके कोटे का लाभ देय है।
डाकघर में जुटने लगी भीड़
गजरौला : विशिष्ट बीटीसी का संशोधित विज्ञापन जारी होते ही अभ्यर्थी प्रदेश के अन्य जिलों में आवेदन करने में जुट गए हैं। फार्म की रजिस्ट्री करने के लिए डाकघर में संख्या बढ़ गई है। दोपहर बाद तो काफी अभ्यर्थियों को रजिस्ट्री करते देखा गया।
ड्राफ्ट के लिए काट रहे बैंकों के चक्कर
गजरौला : विशिष्ट बीटीसी का आवेदन करने के लिए सामान्य व पिछड़े वर्ग को पांच सौ रुपए तथा अन्य के लिए दो सौ रुपए का बैंक ड्राफ्ट जरुरी है। हालांकि फिलहाल आवेदकों को एक ड्राफ्ट बनवाना है, मगर बैंकों में एकाएक ड्राफ्ट बनवाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी है। बैंक भी हाथों हाथ डीडी नहीं बना रहे हैं। जल्दी के फेर में आवेदक आज बैंकों के चक्कर लगाते रहे।