आजमगढ़ : यूपी टीईटी पास अभ्यर्थियों के प्राथमिक शिक्षक बनने के अरमानों पर डाक विभाग अभी से ग्रहण लगाने पर तुला हुआ है। प्रशिक्षु शिक्षक 2011 के चयन के लिए भेजे जा रहे आवेदन पत्र डायट प्राचार्यों के पास पहुंचने के बजाय जिले के विकास भवन में पहुंच जा रहे हैं। डाक विभाग का यही रवैया रहा,तो यूपी टीईटी पास जिले के हजारों बेरोजगार शिक्षक बनना तो दूर प्रशिक्षु शिक्षक के चयन की लाइन में भी नजर नहीं आएंगे।
नगर के सिधारी मोहल्ला निवासी वंदना पुत्री प्रेमनाथ यादव यूपी टीईटी में 92 अंक हासिल कर प्रदेश में शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए उम्मीद लगाए बैठी थी। पहली बार प्रशिक्षु शिक्षक 2011 चयन के लिए आवेदन पत्र की अंतिम तिथि 19 दिसंबर घोषित होने पर उसने 12 दिसंबर को पांच सौ रुपए का बैंक ड्राफ्ट कर स्पीड पोस्ट के जरिए प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जौनपुर और आजमगढ़ के डायट प्राचार्य के नाम आवेदन पत्र भेजा था। इसके अलावा गाजीपुर, जौनपुर, कुशीनगर और गोंडा जिले के लिए भी आवेदन किया था। वंदना के पिता प्रेमनाथ यादव उस समय ठगे रहे गए, जब उनकी मोबाइल पर स्थानीय विकास भवन स्थित लोकशिक्षा समिति के कार्यालय से फोन गया। फोन पर बाबू ने बताया कि उनकी बेटी वंदना का प्रशिक्षु शिक्षक पद के लिए भेजा गया आवेदन पत्र उसके कार्यालय में पड़ा है। इस पर शनिवार को प्रेमनाथ विकास भवन पहुंचे, जहां उनकी बेटी वंदना का स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा गया आवेदन पत्र बैंक ड्राफ्ट सहित मिला। प्रेमनाथ यादव ने बताया कि उनकी बेटी की तरह दर्जनों टीईटी पास अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र डाक विभाग की लापरवाही से जिलों के डायट प्राचार्यों के कार्यालय में जाने के बजाय विकास भवन के लोक शिक्षा समिति कार्यालय में दबे पड़े हैं।