इलाहाबाद। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के पूर्व में जारी रिजल्ट के आधार पर जिन अभ्यर्थियों ने शिक्षक चयन के लिए आवेदन किया है, उन्हें नए सिरे से यूपीटीईटी की वेबसाइट देख लेनी चाहिए। हाईकोर्ट के निर्देश पर माध्यमिक क्षिा परिषद ने नए सिरे से आंसरशीट चेक कराई है और जिन सवालों पर आपत्तियां की जा रही थीं, उन्हें ठीक कराया है। बोर्ड की तरफ से जारी संशोधित परिणाम में ज्यादातर अभ्यर्थियों के नंबर बदले हैं। बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने आपत्ति नहीं की थी, उनके भी अंक बढ़े हैं। एक दूसरे से जानकारी मिलने पर रविवार को अभ्यर्थियों ने वेबसाइट चेक किया तो पता चला ज्यादातर के सात से आठ अंक बढ़ गए हैं। बिना आपत्ति के नंबर बढ़ने से हैरान अभ्यर्थी अब इस बात को लेकर परेशान हैं कि आवेदन में नई मार्कशीट कैसे जोड़ें।
दरअसल जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम पर आपत्ति नहीं की थी, उन्होंने पहले से वेबसाइट पर पड़े अंकपत्र के आधार पर आवेदन कर दिया था। अब नंबर बढ़ने के बाद अभ्यर्थियों को यह भय सता रहा है कि मेरिट बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि अभ्यर्थी संशोधन के बाद जारी अंकपत्र नहीं लगाते हैं तो उनका नुकसान हो सकता है। यदि अभ्यर्थी नए सिरे से फॉर्म भेजते हैं तो एक ही जिले में दो आवेदन के कारण फॉर्म रद्द भी हो सकते हैं। परिणाम संशोधन के बाद हुई इस परेशानी का तोड़ फिलहाल विभागीय अधिकारियों के पास भी नहीं है।
चयन प्रक्रिया से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर फिलहाल एक जनवरी तक आपत्तियां ली जानी हैं। उनकी जांच के बाद फिर से रिजल्ट संशोधित होगा। उसके बाद नए परिणाम को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक होगी जिसमें संशोधित परिणाम पर कुछ नया फैसला हो सकता है। सह समन्वयक शिक्षा अधिकारी वीके अस्थाना ने बताया कि काउंसलिंग में संशोधित परिणाम ही देखा जाएगा।
दरअसल जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम पर आपत्ति नहीं की थी, उन्होंने पहले से वेबसाइट पर पड़े अंकपत्र के आधार पर आवेदन कर दिया था। अब नंबर बढ़ने के बाद अभ्यर्थियों को यह भय सता रहा है कि मेरिट बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि अभ्यर्थी संशोधन के बाद जारी अंकपत्र नहीं लगाते हैं तो उनका नुकसान हो सकता है। यदि अभ्यर्थी नए सिरे से फॉर्म भेजते हैं तो एक ही जिले में दो आवेदन के कारण फॉर्म रद्द भी हो सकते हैं। परिणाम संशोधन के बाद हुई इस परेशानी का तोड़ फिलहाल विभागीय अधिकारियों के पास भी नहीं है।
चयन प्रक्रिया से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर फिलहाल एक जनवरी तक आपत्तियां ली जानी हैं। उनकी जांच के बाद फिर से रिजल्ट संशोधित होगा। उसके बाद नए परिणाम को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक होगी जिसमें संशोधित परिणाम पर कुछ नया फैसला हो सकता है। सह समन्वयक शिक्षा अधिकारी वीके अस्थाना ने बताया कि काउंसलिंग में संशोधित परिणाम ही देखा जाएगा।
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