कानपुर । शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में फेल हुए छात्रों को पास कराने और मेरिट में नंबर दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया। शनिवार को आगरा से लखनऊ जा रहे पांच लोगों को रमाबाई नगर पुलिस ने कार चालक समेत गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से 87 लाख रुपए बरामद हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक लखनऊ में जहां रुपए पहुंचाना था, वे प्राथमिक स्कूल के दो शिक्षक हैं। पकड़े गए लोगों में भी दो शिक्षक ही हैं। टीईटी में पास कराने वाले इस गिरोह का खुलासा शनिवार शाम पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने किया। पत्रकार वार्ता में एसपी ने बताया कि आज दोपहर में उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि औरैया जिले की ओर से एक कार (यूपी 83 टी-2326) आ रही है। जिसमें एक गिरोह लाखों रुपए लेकर लखनऊ जा रहा है। मुखबिर ने इस गिरोह को संदिग्ध बताया था। एसपी के मुताबिक फौरन ही कई थानों की पुलिस को सतर्क कर हाइवे पर चेकिंग लगा दी गई तो अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में कोतवाल दिनेश त्रिपाठी और सीओ सदर सुभाषचंद्र शाक्य ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर गाड़ी को रोक लिया। बताया कि गाड़ी में बैठे रतन कुमार मिश्रा पुत्र स्व. कैलाश चंद्र निवासी छतसारी थाना अलीगंज (एटा), अमरेंद्र कुमार जायसवाल पुत्र काशी प्रसाद निवासी मठियापार थाना दुधरा (संत कबीर नगर), विनय सिंह सिकरवार पुत्र मलखान सिंह निवासी कुबेर गंज थाना हतिमादपुर (आगरा), देशराज परिहार पुत्र दर्शन सिंह निवासी मुटलई थाना डौकी (आगरा) को हिरासत में लिया गया। साथ ही गाड़ी चालक अशोक मिश्रा पुत्र योगेश मिश्रा निवासी याकूबगंज थाना शहावर (एटा) को हिरासत में लिया गया। इन सभी के कब्जे से दो बैग बरामद हुए हैं, जिनमें एक हजार और पांच सौ रुपए की गड्डियां भरी थीं।
पूछताछ में पता चला कि आगरा और इसके आसपास के जिलों में टीईटी के प्रति अभ्यर्थियों से दो से ढाई लाख रुपए लिए गए थे। बैग में 87 लाख रुपए की बरामदगी हुई। बताया कि इन रुपयों को लखनऊ में बैठे दो लोगों तक पहुंचाना था। ये दो लोग औरैया जिले के दिबियापुर प्राथमिक पाठशाला में शिक्षक मनीष चतुर्वेदी और प्राथमिक पाठशाला, बदायूं में शिक्षक माधव सिंह हैं। इनकी गिरफ्तारी का प्रयास पुलिस कर रही है। इन दोनों शिक्षकों के पकड़े जाने पर ही सही जानकारी मिल सकेगी। गिरोह में पकड़े गए रतन कुमार मिश्रा वृंदावन लॉ कालेज, मथुरा में अस्थाई शिक्षक है। उनके पास से 51 लाख रुपए बरामद हुए हैं। वहीं अमरेंद्र कुमार जायसवाल बीएड हैं, और खुद भी टीईटी परीक्षा दे चुके थे, इनके पास से 28 लाख रुपए जबकि विनय सिंह प्राथमिक विद्यालय, बाह, आगरा में शिक्षक है और इनके पास से 8 लाख रुपए मिले हैं। देशराज, विनय का चचेरा भाई है, और उसके कहने पर साथ चला आया था। इधर पुलिस अधीक्षक ने गुडवर्क होते ही कानपुर से आयकर विभाग के एक दल को बुला लिया। बताया गया कि पकड़े गए लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाएगा। बरामद रुपयों को सीज कर सरकार के कोष में जमा कराया जाएगा। आयकर विभाग की टीम पता लगाएगी कि इतने रुपए से कहां से किसके पास आए।
टीईटी अभ्यर्थियों ने की सीबीआई जांच की मांग : टीईटी परीक्षा के परिणाम में कई बार हो चुके संशोधन और शनिवार को इस खुलासे पर कुछ अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों पर ही उंगली उठा दी है। अभ्यर्थियों ने मामले की लोकायुक्त और सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
घूस देने वाले अभ्यर्थियों की फंस सकती है गर्दन : टीईटी परीक्षा के अभ्यर्थियों से लाखों रुपए घूस लेने वालों के साथ अब आयकर विभाग की जांच में वे अभ्यर्थी आ सकते हैं जिन्होंने गिरोह को रुपए उपलब्ध कराए थे। आयकर अधिकारियों ने कहा कि इस बड़े मामले की विस्तृत जांच होगी। इस दौरान सहायक आयकर निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि इन रुपयों को सरकारी कोष में जमा करवाने के साथ ही गिरोह के लोगों के अलावा उन लोगों को सम्मन भेजा जाएगा, जिनसे यह रुपए लिए गए थे। पकड़े गए लोगों से रुपयों के अर्जन का स्टेटमेंट लिया जाएगा। टीम के साथ आयकर निरीक्षक विपिन पांडे और आयकर निरीक्षक विवेक सिंह भी आए थे।