बाह/आगरा। टीईटी में पैसे लेकर नंबर बढ़वाने के खेल में फंसे आरोपियों में से एक मथुरा के लॉ कालेज में अस्थायी शिक्षक के तौर पर काम करने वाला रतन मिश्रा शातिर निकला।वह फर्जीवाडे़ के साथ-साथ सरकार को भी चपत लगा रहा था। जानकारी पर जो खुलासा हुआ वह चौंकाने वाला है। रतन मिश्रा सरकारी शिक्षक के पद पर तैनात होते हुई भी मथुरा के लॉ कालेज में पढ़ा रहा है। मामला प्रकाश में आने से हड़कंप मच गया।
टीईटी में अच्छी मेरिट बनवाने के लिए छात्रों से मोटी रकम वसूल कर लखनऊ में पैसा देने जाते समय रमाबाई नगर में पकडे़ गए रतन कुमार मिश्रा पुत्र कैलाश चंद्र मिश्रा निवासी अलीगंज एटा ने पुलिस को बताया था कि वह मथुरा स्थित वृंदावन लॉ कालेज में अस्थाई शिक्षक के रूप में कार्यरत है। मगर, इसके आगे का सच यह है कि रतन मिश्रा जैतपुर ब्लाक के नगला बृज गांव के प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात हैं। सरकार की आंख में धूल झोंककर वह दूसरे स्थान पर नौकरी कर रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। वहीं कानपुर में पकडे़ गए पांच लोगों में से दो शिक्षकों के जैतपुर ब्लाक के सरकारी स्कूल में तैनात होने के साथ ही बाह क्षेत्र के टीईटी परीक्षा में गड़बड़झाले से तार जुड़ गए हैं।
कभी पढ़ाते नहीं देखा गयाबाह। मालौनी में विनय सिंह सिकरवार व नगला बृज में रतन मिश्रा की नियुक्ति की जानकारी अब तक गांव वालों को भी नहीं थी। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने भी दोनों को कभी गांव में पढ़ाते नहीं देखा। इसके बाद भी दोनों को लगातार वेतन मिलता रहा। इससे साफ होता है कि विभाग में दोनों की अच्छी सांठगांठ है।बाह, जैतपुर के कई लोगों को फंसे हो सकते है
बाह। 87 लाख रुपए के साथ पकडे़ गए शातिरों में दो लोगों के बाह क्षेत्र से जुडे़ होने से दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों ने बाह और जैतपुर क्षेत्र के कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाया होगा। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कौन-कौन इनके जाल में फंसा है।
टीईटी में अच्छी मेरिट बनवाने के लिए छात्रों से मोटी रकम वसूल कर लखनऊ में पैसा देने जाते समय रमाबाई नगर में पकडे़ गए रतन कुमार मिश्रा पुत्र कैलाश चंद्र मिश्रा निवासी अलीगंज एटा ने पुलिस को बताया था कि वह मथुरा स्थित वृंदावन लॉ कालेज में अस्थाई शिक्षक के रूप में कार्यरत है। मगर, इसके आगे का सच यह है कि रतन मिश्रा जैतपुर ब्लाक के नगला बृज गांव के प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात हैं। सरकार की आंख में धूल झोंककर वह दूसरे स्थान पर नौकरी कर रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। वहीं कानपुर में पकडे़ गए पांच लोगों में से दो शिक्षकों के जैतपुर ब्लाक के सरकारी स्कूल में तैनात होने के साथ ही बाह क्षेत्र के टीईटी परीक्षा में गड़बड़झाले से तार जुड़ गए हैं।
कभी पढ़ाते नहीं देखा गयाबाह। मालौनी में विनय सिंह सिकरवार व नगला बृज में रतन मिश्रा की नियुक्ति की जानकारी अब तक गांव वालों को भी नहीं थी। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने भी दोनों को कभी गांव में पढ़ाते नहीं देखा। इसके बाद भी दोनों को लगातार वेतन मिलता रहा। इससे साफ होता है कि विभाग में दोनों की अच्छी सांठगांठ है।बाह, जैतपुर के कई लोगों को फंसे हो सकते है
बाह। 87 लाख रुपए के साथ पकडे़ गए शातिरों में दो लोगों के बाह क्षेत्र से जुडे़ होने से दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों ने बाह और जैतपुर क्षेत्र के कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाया होगा। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कौन-कौन इनके जाल में फंसा है।