आगरा, शिक्षा के नाम पर लगा कलंक गहरा है। उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में धांधली के लिए सौदे किए। पैसा लिया। यह पकड़े जाने के बाद आरोपी प्राइमरी स्कूल शिक्षकों पर विभाग की गाज गिर गई। सोमवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जैतपुर कलां ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी की संस्तुति पर दो शिक्षक विनय सिंह सिकरवार और रतन कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया। मामले की गोपनीय जांच भी शुरू करा दी गई है।
घटना क्रम में दो दिन पूर्व रमाबाईनगर (कानपुर देहात) में आयकर विभाग की टीम ने उक्त दोनों शिक्षकों को तीन साथियों व 87 लाख रुपए के साथ पकड़ा था। यह पैसा टीईटी अभ्यर्थियों से पास कराने की एवज में लिया गया था। पकड़े गए शिक्षक विनय सिंह सिकरवार जैतपुर कलां के बालैनी प्राइमरी स्कूल और रतन कुमार मिश्रा प्राथमिक विद्यालय नगलाबृज में कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि रतन मिश्रा और विनय के संबंध टीईटी का रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी कर्मचारी से थे। उन्होंने प्रति अभ्यर्थी ढाई लाख रुपये में सौदा तय किया था। पहली किस्त अदा हो चुकी थी और इस बार वे दूसरी किस्त देने के लिए लखनऊ जा रहे थे।
प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि दोनों शिक्षक लंबे समय से स्कूल से गैर हाजिर थे। साठगांठ कर पूरी तनख्वाह पा रहे थे। मामला उजागर होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ में भी उबाल है। बीएसए सत्येन्द्र कुमार का कहना है कि दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इनके खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
लाभार्थी कौन
शिक्षकों ने किन अभ्यर्थियों से रुपये वसूले, विभागीय अधिकारी अब इसका जवाब ढूंढ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों शिक्षकों के नजदीकियों से भी पूछताछ की जा रही है। मथुरा और एटा के कुछ विश्वस्त लोगों से भी गोपनीय रूप से जानकारी जुटाई जा रही है।
घटना क्रम में दो दिन पूर्व रमाबाईनगर (कानपुर देहात) में आयकर विभाग की टीम ने उक्त दोनों शिक्षकों को तीन साथियों व 87 लाख रुपए के साथ पकड़ा था। यह पैसा टीईटी अभ्यर्थियों से पास कराने की एवज में लिया गया था। पकड़े गए शिक्षक विनय सिंह सिकरवार जैतपुर कलां के बालैनी प्राइमरी स्कूल और रतन कुमार मिश्रा प्राथमिक विद्यालय नगलाबृज में कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि रतन मिश्रा और विनय के संबंध टीईटी का रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी कर्मचारी से थे। उन्होंने प्रति अभ्यर्थी ढाई लाख रुपये में सौदा तय किया था। पहली किस्त अदा हो चुकी थी और इस बार वे दूसरी किस्त देने के लिए लखनऊ जा रहे थे।
प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि दोनों शिक्षक लंबे समय से स्कूल से गैर हाजिर थे। साठगांठ कर पूरी तनख्वाह पा रहे थे। मामला उजागर होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ में भी उबाल है। बीएसए सत्येन्द्र कुमार का कहना है कि दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इनके खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
लाभार्थी कौन
शिक्षकों ने किन अभ्यर्थियों से रुपये वसूले, विभागीय अधिकारी अब इसका जवाब ढूंढ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों शिक्षकों के नजदीकियों से भी पूछताछ की जा रही है। मथुरा और एटा के कुछ विश्वस्त लोगों से भी गोपनीय रूप से जानकारी जुटाई जा रही है।