06 January 2012

Latest UPTET News : फर्जी साबित हुए तो पड़ेगा महंगा


बड़ौत, बागपत। चौधरी चरण सिंह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर फर्जी डिग्री के सहारे बीटीसी में चयनित होने का ख्वाब अभ्यर्थियों को महंगा पड़ने वाला हैं। डायट प्राचार्य ऐसे अभ्यर्थियों को सस्ते में छोड़ने के मूड में नहीं हैं और गोपनीय रूप से इनके प्रमाण-पत्रों की जांच कराई जा रही है।

डायट पर बीटीसी चयन प्रक्रिया 2010 में फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर चयनित होने के सपने देखने वालों पर प्राचार्य कड़ी नजर रखे हुए हैं। वर्तमान में डायट पर शासन से बढ़ी पचास सीटों पर काउंसिलिंग का कार्य प्रगति पर है। पूर्व में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से डिग्री प्राप्त करने वाले अधिकतर अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए थे। इसी के चलते वर्तमान काउंसलिंग में ऐसे अभ्यर्थियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और इनके प्रमाण-पत्रों की गोपनीय जांच कराई जा रही है। इस बार प्राचार्य डा. राजकुमार दुबे ऐसे अभ्यर्थियों को सस्ते में छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे और सबूतों के साथ इन पर कड़ी कार्रवाई करना चाहते हैं। ऐसे में अगर डायट पर काउंसलिंग के दौरान जमा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रमाण-पत्र फर्जी निकले तो इन अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण से तो हाथ धोना ही पड़ेगा और मुकदमा भी झेलना पडे़गा। मगर अभी तक सभी अभ्यर्थी अपने प्रमाण-पत्रों को सही होने का दावा कर रहे है और अपने प्रमाण-पत्रों को जांच विश्वविद्यालय से कराए जाने की बात कर रहे हैं। 

शिक्षा माफिया की साठगांठ से बने प्रमाण-पत्र 

बड़ौत : जनपद में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से संबद्ध तीन संस्कृत महाविद्यालय हैं। इनमें ग्वालीखेड़ा, खेकड़ा, किरठल शामिल हैं। इनसे छात्रों को बीए, एमए में क्रमश: शास्त्री और आचार्य की उपाधि लेते हैं। इनसे प्राप्त डिग्री को अधिकतर विश्वविद्यालय मान्यता देते हैं। मगर शिक्षा माफिया की साठगांठ के चलते सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से हाईस्कूल से लेकर बीए तक के फर्जी प्रमाण-पत्र धड़ल्ले से बनवाए जा रहे हैं। इन माफिया के झांसे में आकर अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण-पत्रों सहारे बीटीसी में चयनित होना चाहते हैं। ज्ञात रहे सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बीएड कॉलेज भी संचालित हैं

ShareThis