इलाहाबाद। चुनाव से पहले प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की उम्मीद में रात-रात भर लाइन में खड़े रहकर फॉर्म जमा करने वालों को जोर का झटका लग सकता है। विधि विशेषज्ञों ने शासन को सलाह दी है कि चुनाव आचार संहिता के कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकती। चयन प्रक्रिया पहले से चल रही है इसलिए उप पर रोक नहीं लगेगी लेकिन जो हालात हैं, जिलों में लिस्ट फाइनल करने में ही चुनाव गुजर जाएगा। दो दिन पहले लखनऊ में डायट और सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों की संयुक्त बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने से पहले नियुक्तियां नहीं हो सकती और तब तक सभी जिलों में चयन की सूची फाइनल न हुई तो आगे का फैसला नई सरकार पर होगा। हालांकि बैठक में चयन प्रक्रिया को लेकर कोई नया फैसला नहीं हुआ। अधिकारियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया चलती रहेगी लेकिन परिणाम पर रोक लग सकती है। हालांकि परिणाम निकलने की स्थिति बनेगी, इसी में संदेह है।
चयन प्रक्रिया से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश भर में एक करोड़ से अधिक फॉर्म पहुंच चुके हैं और नौ जनवरी तक जाहिर है यह संख्या बढ़ेगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लगभग 15 हजार अभ्यर्थियों ने यूपी बोर्ड में परिणाम संशोधन के लिए आवेदन किया है। इन अभ्यर्थियों के परिणाम सात जनवरी तक जारी हो सकते हैं। ये अभ्यर्थी भी अन्य जिलों से आवेदन करेंगे। अफसरों के मुताबिक ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 40 से 45 जिलों से आवेदन किया है। जिन जिलों में 50 हजार या अधिक फॉर्म पहुंचे, वहां स्क्रूटनी में ही दो हफ्ते से अधिक लग जाएंगे। स्क्रूटनी के बाद उन पर आपत्तियां और उसके संशोधन के लिए वक्त देना होगा। फिर काउंसलिंग में हफ्ते भर से अधिक लग सकते हैं। यानी नौ जनवरी को फॉर्म जमा करने की तिथि खत्म होने के बाद भी स्क्रूटनी होने लगे तो भी वक्त पर पूरा होना मुश्किल है। बैठक में शामिल निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जो हालात बन रहे हैं, नियुक्तियां अटक सकती हैं।