नई दिल्ली : आधार नंबर नहीं मिला तो कोई बात नहीं, अब नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के नेशनल
आइडेंटिटी नंबर यानी निन की फिक्र कीजिए। सरकार ने महत्वाकांक्षी पहचान
नंबर परियोजना, आधार का सफर खत्म करने की तैयारी कर ली है। पहचान नंबर को
लेकर गृह मंत्रालय और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी के बीच विवाद इस अहम
नीतिगत फैसले के साथ निबटा है कि
निन नागरिकों के लिए अनिवार्य होगा और
आधार ऐच्छिक। आधार को 40 करोड़ नामांकन का नया लक्ष्य देने का फैसला महज
राजनीतिक है ताकि प्रधानमंत्री की चहेती परियोजना अचानक बंद न हो जाए।
योजना आयोग अपनी एक भीतरी पड़ताल में इस नतीजे पर पहुंच चुका है कि आधार
अपने मकसद के करीब नहीं पहुंच पा रही है और इससे जबर्दस्त गफलत व भ्रम
पैदा हुआ है।
सरकार ने नंदन नीलकेणी की अगुआई वाले विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण
(यूआइडीएआइ) के पर लगभग कतर दिए हैं। गृह मंत्रालय के मातहत नेशनल पापुलेशन
रजिस्टर के जरिए जारी होने वाले राष्ट्रीय पहचान नंबर (निन) को अनिवार्य
और आधार को ऐच्छिक बनाने से तस्वीर बदल गई है। आधार में पंजीकृत लोगों को
भी निन लेना ही होगा। इससे आधार कार्ड या नंबर की उपयोगिता अंधेरे में है।
सरकार ने शुक्रवार की बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि आधार को कमजोर
तबकों के लिए बनी स्कीमों से जोड़ा जाएगा मगर यह योजना अभी कागजों पर ही
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01 February 2012
Latest News : नई दिल्ली : आधार निराधार! अब निन की फिक्र
Satish Kumar Tiwari |
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