लखनऊ : शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) में धांधली के आरोप में संजय मोहन के निलंबित
होने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद का अगला
डायरेक्टर कौन होगा। सरकार कार्यवाहक से काम चलाएगी या नए डायरेक्टर की तैनाती करेगी।
टीईटी
में धांधली के आरोप में फंसे संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से अब मात्र
एक ही निदेशक स्तर का अधिकारी बचा है। हालांकि ट्रिब्यूनल के आदेश पर
निदेशक बनाए गए महेंद्र सिंह को सरकार निदेशक मानने को तैयार नहीं है।
अपर
निदेशक के पद पर तैनात वासुदेव यादव से सरकार नाराज है। उनके ऊपर एक
विशेष पार्टी से जुड़े होने का आरोप है। इसीलिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक के
पद से निलंबित होने के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश चंद्र कनौजिया को
कार्यवाहक चार्ज दिया गया।
कनौजिया
को चार्ज देने के बाद ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड में शामिल होने के आरोप लगने के
बाद उन्हें तुरंत हटाकर विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा सीपी तिवारी को
कार्यवाहक निदेशक बना दिया गया।
प्रदेश
में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मार्च से शुरू हो रही हैं। इसलिए विभाग को
स्थाई निदेशक की जरूरत पड़ेगी। सरकार दुविधा में है कि किसे स्थाई निदेशक
बनाया जाए। सरकार वासुदेव यादव को निदेशक बनाने के पक्ष में नहीं है।
महेंद्र सिंह ट्रिब्यूनल से मुकदमा जीत कर आए हैं और सरकार हाईकोर्ट में
इसका विरोध कर चुकी है। इसलिए उन्हें डायरेक्टर बनाए जाने की संभावना कम
है। ऐसे में चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि विभाग का अगला निदेशक कौन होगा।
शिक्षा
विभाग के लिए दो विभाग काम करते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक
शिक्षा विभाग। शिक्षा विभाग में इनमें बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक
शिक्षा परिषद, वैकल्पिक एवं साक्षरता शिक्षा, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण संस्थान निदेशालय है।
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