पूर्व सचिव पर भी कसा फंदा
लखनऊ : यूपी
बोर्ड परीक्षा की तैयारियां प्रभावित होने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग हरकत
में आया है। निदेशक, माध्यमिक का काम देख रहे सीपी तिवारी ने शासन से बोर्ड
की सचिव प्रभा त्रिपाठी पर कार्रवाई करने और वासुदेव यादव को उनका
कार्यभार सौंपने की सिफारिश की है। चुनाव आयोग से अनुमति मिलते ही यादव को
सचिव का दायित्व सौंप दिया जाएगा।
टीईटी
घोटाले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से यूपी
बोर्ड की सचिव प्रभा त्रिपाठी कार्यालय नहीं आ रही हैं। उनकी गैरहाजिरी के
चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं। हाईस्कूल और इंटर
परीक्षा में 60 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल होंगे। बोर्ड के सामने
परीक्षा केंद्रों पर समय से पेपर, रोल नंबर, उत्तर पुस्तिकाएं पहुंचाने की
चुनौती है। सबसे बड़ी दिक्कत परीक्षा के पेपरों को लेकर आ रही है। बोर्ड
अधिनियम के अनुसार केवल सचिव को ही प्रश्नपत्रों के बारे में जानकारी रहती
है।
बाबुओं ने लगाए वसूली के आरोप
इलाहाबाद । टीईटी घोटाले में पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की
गिरफ्तारी और यूपी बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी के फंसने के बाद अब दूसरे
अफसरों पर भी फंदा कस गया है। नया नाम जुड़ा है एक पूर्व सचिव और निदेशालय
में अहम पद पर बैठे एक अफसर का। सूत्रों की मानें तो पुलिस जल्द ही उन्हें
पूछताछ के लिए बुला सकती है। बोर्ड दफ्तर के कुछ बाबुओं व विभागीय अफसरों
ने पुलिस की पूछताछ में इस अफसर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। बाबुओं ने
टीईटी घोटाले में अभ्यर्थियों से वसूली करने वालों में इस अधिकारी का भी
नाम लिया है।
बाबुओं
के साथ कुछ विभागीय अधिकारियों ने भी पूर्व सचिव के खिलाफ लिखित शिकायत की
है। कई अधिकारियों ने राजकीय इंटर कालेजों के प्रवक्ता चयन
में धांधली के भी आरोप लगाए हैं और जांच की मांग की है। विभागीय
अधिकारियों की मानें तो प्रभा त्रिपाठी की तलाश में दो दिन से इलाहाबाद में
घूम रही पुलिस मंगलवार को निदेशालय भी गई थी लेकिन आरोपी अधिकारी के बजाय
दूसरों से पूछताछ की। पुलिस टीम के एक सदस्य ने स्वीकार किया कि एक पूर्व
सचिव के खिलाफ गंभीर शिकायतें हैं लेकिन उनसे पूछताछ के लिए पुलिस को शासन
से अनुमति लेनी पड़ेगी।
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