इलाहाबाद। बीटीसी चयन 2011 में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेशभर में
डायट और प्राइवेट संस्थानों के लिए बीस हजार अभ्यर्थियों में से 465 ने फर्जी मार्कशीट पर दाखिला लिया है और पांच महीने का प्रशिक्षण भी कर चुके हैं।
केंद्रीय और राज्य शिक्षा परिषदों तथा विश्वविद्यालयों से अंकपत्रों के
सत्यापन के बाद साफ हुआ कि अभ्यर्थियों ने मेरिट में शामिल होने के लिए
असली रोलनंबर पर फर्जी मार्कशीट तैयार कराई। गड़बड़ी
करने वालों में 117 युवतियां भी हैं जिनमें से 94 ने सीबीएसई और सीआईएससीई
के फर्जी अंकपत्र लगाए। ताज्जुब यह कि फर्जीवाड़ा करने वाली ज्यादातर
युवतियों को काउंसलिंग में अच्छी रैंकिंग मिली और प्रशिक्षण में भी लगातार
हिस्सा ले रही हैं।
सत्यापन के बाद गड़बड़ी सामने आने पर
अभ्यर्थियों का चयन रद करने के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए ब्योरा तैयार करने का जिम्मा
सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों को सौंपा गया है। जांच से जुड़े एक
अधिकारी ने बताया कि गड़बड़ी
करने वालों में से 86 अभ्यर्थी शिक्षा विभाग के ही अधिकारियों,
कर्मचारियों की संतानें हैं। उनमें से 29 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके अभिभावक
यूपी बोर्ड दफ्तर, क्षेत्रीय कार्यालय या निदेशालय में तैनात हैं।
अधिकारियों, कर्मचारियों ने अपने पाल्यों के चयन के लिए फर्जी मार्कशीट
तैयार कराई।रोलनंबर के आधार पर असली मार्कशीट की जांच हुई तो पता चला कि उनमें से ज्यादातर को द्वितीय श्रेणी के अंक मिले हैं। उन्हें और अभिभावकों को पता था कि 70 फीसदी से कम अंक होने पर चयन मुश्किल है इसलिए उसी रोलनंबर, वर्ग, विषय में नंबर बढ़ाकर नई मार्कशीट तैयार करा ली। बताया गया कि कुछ अभ्यर्थियों को लेकर लिखित शिकायतें भी थीं इसलिए जांच में उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को लगाया गया। गड़बड़ी में पकड़े गए अभ्यर्थियों पर कार्रवाई के लिए ब्योरा तैयार करने वाले सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि संबंधित डायट और संस्थानों को लिस्ट अगले हफ्ते तक भेज दी जाएगी। उनका चयन रद्द करने के साथ ही प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी, साथ ही उन्हें ब्लैकलिस्ट कर रोलनंबर कम्प्यूटर में फीड कर दिए जाएंगे ताकि आगे के किसी चयन में शामिल न हो सकें।
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