लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा 35
पार के बेरोजगारों को एक हजार रुपये भत्ते का ऐलान क्या हुई, वीरान पड़े
रहने वाले क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में रौनक लौट आई। पंजीकरण के लिए
लोगों की कतारें दिखाई देने लगीं हैं। भत्ते की चाह रखने वालों में
युवक-युवतियां ही नहीं बल्कि बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं भी शामिल हैं। कुछ
का जन्म तो आजादी से पहले का है।
सूबे की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के उजरियांव निवासी 74 वर्षीय साजिद अली
गत दिवस लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराने
पहुंचे। साजिद जैसे ही पंजीयन के लिए लाइन में खड़े हुए, एक कर्मचारी ने
इसकी जानकारी क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी पीके पुंडीर को दी।
उन्होंने साजिद को बुलाया और जन्मतिथि की जानकारी ली तो चौंक पड़े। बीए पास साजिद अली का जन्म 30 जुलाई 1937 को हुआ था।
उन्होंने साजिद को बुलाया और जन्मतिथि की जानकारी ली तो चौंक पड़े। बीए पास साजिद अली का जन्म 30 जुलाई 1937 को हुआ था।
पुंडीर ने जरूरी पड़ताल के बाद उनका
पंजीयन कराया। कार्यालय में पंजीकृत 1.6 लाख बेरोजगारों में साजिद अली सबसे
अधिक उम्र वाले बेरोजगार के रूप में पंजीकृत हुए। ट्यूशन पढ़ाकर जीवन यापन
करने वाले साजिद अली का कहना है कि वह बेटियों पर बोझ नहीं बनना चाहते।
भत्ते की आस में पंजीकरण कराया है।
पंजीकरण कराने वाले बुजुर्गो में एक नाम है लुकमानगंज की 64 वर्षीय शरद
पूर्णिमा का। पूर्णिमा के पिता ने उन्हें शिक्षा तो बीए-बीएड तक दिलाई,
लेकिन नौकरी नहीं करने दी। माता-पिता के निधन के बाद प्राइवेट नौकरी करके
जीवन यापन किया। आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने शादी भी नहीं की। अब नौकरी
की उम्र नहीं रही। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार यदि एक हजार रुपये
बेरोजगारी भत्ता दे देगी तो उनका कुछ खर्चा निकल जाएगा। अपनी अविवाहित छोटी
बहन के साथ रहने वाली बुजुर्ग को आशा है कि उन्हें भी एक हजार रुपये भत्ता
मिल जाएगा।
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