निदेशालय, यूपी बोर्ड, बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से तैयार कराई गई रिपोर्ट
इलाहाबाद। किसी तरह की कानूनी अड़चन न आई तो अप्रैल के पहले हफ्ते तक टीईटी का पहला चरण रद कर दिया जाएगा। आवेदन पत्र जारी होने के पहले से ही विवादों में रही टीईटी की मेरिट से चयन का प्रावधान भी रद होना तय है। प्राथमिक
विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद भरने को लेकर चिंतित सर्व शिक्षा
अभियान और बेसिक शिक्षा विभाग ने नई परीक्षा का खाका तैयार करना शुरू कर
दिया है। पुराने मानकों के हिसाब से ही विभाग में सवा दो लाख पद रिक्त हैं। सर्व शिक्षा अभियान ने इनपर नियुक्तियों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सहायता मांगी है। तय किया है कि मई अंत या जून में नई परीक्षा कराकर सफल अभ्यर्थियों का चयन विशिष्ट बीटीसी की तर्ज पर किया जाएगा।
प्रदेश
में पिछले चार वर्षों से प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पद नहीं भरे गए। अब
बिना टीईटी चयन न होने के नियम के कारण जरूरी हो गया है कि तत्काल परीक्षा
कराई जाए। नवंबर में हुई परीक्षा में जिस कदर अनियमितता सामने आई
है, उसकी मेरिट के आधार पर चयन अब संभव नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान ने
निदेशालय, यूपी बोर्ड और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर
टीईटी के अगले चरण के लिए खाका तैयार किया है। अधिकारियों ने एमएचआरडी के
साथ एनसीटीई को भी स्थितियों की रिपोर्ट भेजी है और नियुक्तियों को रास्ता
निकालने को कहा है। जुलाई से पहले नियुक्तियां न हुईं तो एक तिहाई से अधिक स्कूल बंद हो जाएंगे।
नवंबर
में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा को रद कर तत्काल नई परीक्षा के लिए
प्रस्ताव बनाने की सिफारिश की है। निदेशालय, यूपी बोर्ड और बेसिक शिक्षा
विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट में
एक बिन्दु यह भी उठा कि मेरिट रद कर केवल पात्रता परीक्षा मान 60 फीसदी से
ऊपर वालों को उपयुक्त माना जाए और उनके लिए विज्ञापन निकाला जाए लेकिन
सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी इसके पक्ष में नहीं है। नई परीक्षा
का खाका तैयार करने वाली टीम के सदस्य शिक्षा अधिकारी पी.सुदेश कुमार ने
बताया कि एमएचआरडी के साथ बैठक में परीक्षा रद करने और नई परीक्षा कराने पर
सहमति बन चुकी है, नई सरकार बनने के कुछ दिनों के भीतर ही इस मामले में
फैसला हो जाएगा।
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