मधुबन (मऊ) : पिछली मायावती सरकार में उत्तर प्रदेश में 7200 शिक्षकों के
रिक्त पदों के भर्ती की प्रक्रिया जिस तेज गति से शुरु की गयी उसे देखकर
आवेदनकर्ताओं को ऐसा लगा कि अध्यापक बनने का उनका सपना जल्द ही साकार होने
वाला है। चूंकि सरकार द्वारा अध्यापकों के भर्ती की पूरी प्रक्रिया 31
दिसम्बर 2011 तक पूर्ण कर लेनी थी इसलिये आवेदकों को ऐसा लगा कि नया साल
आने से पहले ही उनका सपना हकीकत का रूप ले लेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीच
में उत्पन्न हुई कुछ तकनीकी कमियों के लिये यह तिथि 31 जनवरी 2012 कर दी
गयी।
तिथि बढ़ने से अच्छे नंबरों से सफल अभ्यर्थियों को कुछ मायूसी तो जरुर हुई लेकिन सब ने यह सोचकर खुद को तसल्ली दे दी कि चलो केवल एक महीने की ही बात है।
पुराने साल में न सही नये साल में तो सपना जरुर पूरा होगा लेकिन सारी उम्मीद धरी की धरी रह गयी। यह तिथि भी गुजर गयी और कुछ नहीं हुआ। इस बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो गयी और सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया। चुनाव बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी जिसकी बागडोर एक युवा के हाथों में है। नई सरकार के गठन के बाद एक बार फिर टीईटी परीक्षा में सफल अभ्यर्थी उस युवा चेहरे की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। दुबारी के संतोष शर्मा, ममता शर्मा जिनके अंकों की संख्या 115 और 111 है का कहना है कि मेरिट के आधार पर सफल अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया नयी सरकार को जल्द से जल्द शुरु करनी चाहिये। 120 एवं 119 अंक पाने वाले हरिकेश यादव एवं राजेश यादव को उम्मीद है कि चूंकि इस बार प्रदेश की कमान एक युवा के हाथ में है। इसलिये वह युवा दर्द को अच्छी तरह समझेंगे। 118 और 116 अंक पाने वाले विग्रहपुर के मनोज कुमार यादव एवं रमेश सिंह का मानना है कि सरकार को जल्द से जल्द इस बाबत दिशा निर्देश देना चाहिये ताकि चयन की आस लगाये लोगों के मन में लहराते शंका के बादल जल्द से जल्द समाप्त हों। पिन्टू गुप्ता, अजय शर्मा, लियाकत अली, राहुल यादव, श्रीराम जैसे कई अच्छे नंबरों से पास अभ्यर्थी नयी सरकार की घोषणा पर टकटकी लगाये देख रहे हैं। टीईटी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के भविष्य के बारे में सरकार का अंतिम निर्णय क्या होगा यह तो आने वाला वक्त बतायेगा लेकिन इतना तो तय है कि नयी सरकार से इन लोगों को काफी आशाएं हैं और शायद इनका सपना सच भी हो जाये।
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