यूपी सरकार के मंत्रियों को हुए विभागों के बंटवारे में आजम खां को दिए गए
शहरी समग्र विकास विभाग का वजूद ही नहीं है। नगर विकास विभाग ने इस विभाग
की काफी तलाश की तो पता चला कि इस उप विभाग को 2 जून 2008 को ही एक
कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से समाप्त कर दिया गया था। इसके साथ ही शहरी
समग्र विकास विभाग को नगर विकास विभाग के अनुभाग-9 में शामिल कर दिया गया
था।
नगर विकास विभाग ने की जांच
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 20 मार्च को मंत्रियों के विभागों का नए सिरे से बंटवारा किया है। इसमें आजम खां को संसदीय कार्य, मुसलिम वक्फ, नगर विकास, जल संपूर्ति, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, अल्पसंख्यक कल्याण व हज के साथ शहरी समग्र विकास विभाग दिया गया। मंत्रियों को विभागों के बंटवारे की जानकारी संबंधित विभागों को भी मिली। नगर विकास विभाग में भी इसकी सूचना पहुंची तो शहरी समग्र विकास विभाग की पड़ताल शुरू हुई। पता लगाया जाने लगा कि यह विभाग कहां है और इसका प्रमुख सचिव कौन है। काफी खोजबीन के बाद वह आदेश मिला जिसमें विभाग को समाप्त किया गया है।
2 जून 2008 को जारी हुआ था आदेश
तत्कालीन सचिव सचिवालय प्रशासन कामरान रिजवी ने 2 जून 2008 को आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया है कि तात्कालिक प्रभाव से गठित शहरी समग्र विकास विभाग को समाप्त किया जाता है। इसमें यह भी कहा गया है कि शहरी समग्र विकास विभाग को दिया गया नगर विकास विभाग का अनुभाग-9 पूर्ववत अब नगर विकास विभाग में सम्मिलित रहेगा।
अधिकारियों ने पल्ला झाड़ा
इस संबंध में कामरान रिजवी कहते हैं कि उस समय इसकी अनुपयोगिता को देखते हुए इसे समाप्त किया गया था, मौजूदा समय इसकी क्या स्थिति है उन्हें जानकारी नहीं है। इस बाबत जब मौजूदा सचिव सचिवालय प्रशासन अवनीश अवस्थी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में नगर विकास विभाग ही कुछ बता पाएगा। इस संबंध में जब मुख्य सचिव अनूप मिश्र से देर रात पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह विभाग पहले खत्म हो गया था, वर्तमान स्थिति के बारे में चेक करने के बाद ही बता पाएंगे।
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