पौने तीन लाख टीईटी आवेदकों में से उत्तीर्ण 72 हजार टीईटी बेरोजगारों के भाग्य का फैसला अब कोर्ट पर टिक गया है।
टीईटी
बेरोजगारों के आमरण अनशन के चौथे ही दिन सोमवार को आंदोलन समाप्त हो गया।
सरकार के दबाव के आगे टीईटी आंदोलनकारियों को झुकना पड़ा जबकि अब गेंद
न्यायालय के पाले में चली गई है।
टीईटी आंदोलन के चौथे दिन 18 आमरण अनकारियों में से ज्यादातर को अस्पताल का रास्ता दिखाना पड़ा। गर्मी और नौकरी के दबाव के आगे टीईटी आंदोलन टॉय टॉय फिस्स हो गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बीती रात जहां माइक छीन लिया वहीं सोमवार की सुबह से ही धरना को हटाने की रणनीति पर काम शुरू हो गया। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिलाया गया कि अगली पांच अप्रैल को शासन से वार्ता कराई जाएगी। इसके बाद आंदोलन आानन- फानन में समाप्त हो गया। प्रशासन ने छह अप्रैल को शासन से वार्ता का समय दिया लेकिन आवेदकों का कहना था कि वह केवल न्याय की उम्मीद में धरने में बैठे हैं। ऐसे में बीते अनुभव को देखते हुए लिखित आश्वासन पर ही प्रदर्शन समाप्त होगा। उधर धूप के कारण अनशनकारियों की हालत बिगड़ने लगी। उधर ज्यादातर आंदोलनकारियों का कहना था कि इतना लम्बा संघर्ष व्यर्थ गया। वह प्रतिनिधियों के फैसले से रुष्ट थे। उम्मीद की जा रही है कि अब कोर्ट का दरवाजा ही टीईटी आवेदकों की आखिरी उम्मीद है।
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