मुंबई जल्द ही भारतीय करंसी यानी नोटों पर महात्मा गांधी को 'साथी' मिलने वाला है। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) नोटों पर महात्मा गांधी के साथ अन्य महान भारतीय हस्तियों को जगह देने का मन बना चुका है। इसके लिए आरबीआई ने सुझाव भी मांगे हैं।
आरबीआई को अब तक मिले सुझावों में बी. आर. आंबेडकर, छत्रपति शिवाजी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नाम शामिल हैं। करंसी एक ऐसी जगह है जहां वह अकेले या यूं कहें, एकाधिकार के साथ नजर आते हैं। 1987 में वह पहली बार 500 के नोटों पर नजर आने लगे और फिर 1996 से वह हर नोट पर दिखाई देने लगे हैं।
बापू से पहले भारतीय नोटों पर अशोक स्तंभ नजर आता था। आरटीआई ऐक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने जब यह जानना चाहा कि कैसे और कब से महात्मा गांधी की तस्वीर नोटों पर हैं, उन्हें आरबीआई द्वारा यह बताया गया कि इस बारे में कोई डॉक्युमेंट मौजूद नहीं है। आरबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि 1993 में आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ने गांधी इमेज का सुझाव दिया था जिसे भारत सरकार ने अप्रूव कर दिया था।
मुद्रा विज्ञान पर कई किताबें लिख चुके दिलीप राजगौड़ का कहना है कि नृत्य के कई रूप, ऐतिहासिक स्थल और महान वैज्ञानिक भारत में हुए हैं... उन्हें हम अपने सिक्कों और नोटों पर लेने के बारे में क्यों नहीं सोचते हैं। राजगौड़ ने बताया कि आरबीआई में कोई मुद्रा विज्ञानी नहीं है। वैसे, कई अफ्रीकी देशों में महात्मा गांधी की तस्वीर सिक्कों पर है। कई ने ताजमहल की तस्वीर सिक्कों पर ली हुई है। नेपाल में प्रयोग होने वाले सिक्कों पर बुद्ध की तस्वीर है।
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