टीईटी अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प |
विधान भवन के सामने बगैर अनुमति दे रहे थे धरना
पुलिस ने अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर रिहा किया
लखनऊ: अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में प्राप्त अंकों की मेरिट बने और उसके आधार पर अभ्यर्थियों की शिक्षक पद पर तैनाती की जाय। इस एक सूत्री मांगों को लेकर विधान भवन के सामने बगैर लिखित अनुमति के धरना देना टीईटी पास अभ्यर्थियों को महंगा पड़ गया। पुलिस ने न केवल उन्हें यहां से भगाया बल्कि गिरफ्तार करके पुलिस लाइन ले गए जहां उन्हें देर शाम रिहा कर दिया गया।
उप्र टीईटी संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर रविवार को सुबह करीब 10 बजे विधान भवन के सामने पहुंचे अभ्यर्थियों ने धरना शुरू किया ही था कि पुलिस अधिकारियों ने धरना बंद करने का फरमान जारी कर दिया। इस बीच अभ्यर्थियों ने जबरन धरना करने और मौखिक आदेश लेने की बात कही, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। धरने को लेकर पुलिस अधिकारियों और अभ्यर्थियों में गरमागरम बहस होने लगी। इस बीच पुलिस अधिकारियों ने पीएसी को बुलाकर जबरन अभ्यर्थियों को भगाना शुरू कर दिया। जवानों ने अभ्यर्थियों पर लाठियां भी भांजीं और उन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया। मोर्चा के अध्यक्ष गणेश शंकर दीक्षित ने प्रशासन पर अभद्रता करने और आदेश को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मेरिट के आधार पर तैनाती न करके प्रदेश सरकार नियमों का उल्लंघन कर रही है। पुलिस ने 80 से अधिक अभ्यर्थियों को जबरन बस में बैठाकर गिरफ्तार कर लिया और रिजर्व पुलिस लाइन ले गई जहां सभी को देर शाम रिहा कर दिया गया। गिरफ्तार होने वालों में राकेश यादव, राम जनक यादव, आशुतोष, पवन, रत्नेश व सुनील सिंह सहित कई अभ्यर्थी शामिल है।
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