उदयपुर। राज्य में दूसरी बार हो रही आरटेट (राजस्थान टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट) में मौजूदा सत्र में टीचर ट्रेनिंग कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले नहीं बैठ पाएंगे।
क्योंकि ऐसे प्रवेशार्थी आरटेट में बैठ भी गए तो भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा, क्योंकि आरटेट का रिजल्ट आने से पहले उनकी ट्रेनिंग पूरी होना जरूरी है। नए प्रवेशार्थियों की कॉलेजों मे प्रवेश प्रकिया जारी है। आरटेट में ऑनलाइन आवेदन सोमवार तक ही हो सकेंगे।
आरटेट में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन के बाद निर्धारित शुल्क का चालान बैंक में जमा करना होता है। इसके साथ शैक्षणिक योग्यता, मूल निवास, जाति प्रमाण- पत्रों की प्रतिलिपियां संलग्न कर संग्रहण केंद्र पर जमा करवाना है।
ऐसे में फार्म में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होने वालों को अपनी अंकतालिका लगानी है। जबकि टीचर ट्रेनिंग कोर्सेज में अध्ययनरत को संबंधित कॉलेज या संस्था से एपियर होने का प्रमाण- पत्र नत्थी करना है। हालांकि अब तक बोर्ड की ओर से संग्रहण केंद्र तय नहीं किए गए हैं।
सत्र 2012-13 के लिए बीएड में राज्य में करीब 90 हजार, बीएसटीसी सामान्य व संस्कृत की 19 हजार 820 सहित शिक्षा शास्त्री पाठ्यक्रम में एक लाख से ज्यादा को एडमिशन मिलना है। बीएड व बीएसटीसी प्रशिक्षण में अब प्रवेश लेने वाले भी बड़ी संख्या में आवेदन कर रहे हैं।
भास्कर ने जब इनसे पूछा तो बताया कि फार्म भर रहे हैं, लेकिन जमा तो बाद में करवाना है।अगस्त में एडमिशन मिलेगा तो एपियर सर्टिफिकेट भी ले लेंगे। गत शुक्रवार को बीएड पाठ्यक्रम के लिए कार्यकारी एजेंसी जेएनवीयू ने अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित कर दिए किंतु प्रवेश प्रक्रिया जारी है।
ये अभ्यर्थी कॉलेज से एपियर सर्टिफिकेट प्राप्त कर आरटेट में बैठ भी गए तब भी इन्हें आरटेट का प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। बोर्ड के अनुसार उन्हीं अभ्यर्थियों को आरटेट प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिन्होंने परिणाम जारी करने से पूर्व शिक्षक प्रशिक्षण उत्तीर्ण कर लिया हो।
क्योंकि ऐसे प्रवेशार्थी आरटेट में बैठ भी गए तो भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा, क्योंकि आरटेट का रिजल्ट आने से पहले उनकी ट्रेनिंग पूरी होना जरूरी है। नए प्रवेशार्थियों की कॉलेजों मे प्रवेश प्रकिया जारी है। आरटेट में ऑनलाइन आवेदन सोमवार तक ही हो सकेंगे।
आरटेट में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन के बाद निर्धारित शुल्क का चालान बैंक में जमा करना होता है। इसके साथ शैक्षणिक योग्यता, मूल निवास, जाति प्रमाण- पत्रों की प्रतिलिपियां संलग्न कर संग्रहण केंद्र पर जमा करवाना है।
ऐसे में फार्म में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होने वालों को अपनी अंकतालिका लगानी है। जबकि टीचर ट्रेनिंग कोर्सेज में अध्ययनरत को संबंधित कॉलेज या संस्था से एपियर होने का प्रमाण- पत्र नत्थी करना है। हालांकि अब तक बोर्ड की ओर से संग्रहण केंद्र तय नहीं किए गए हैं।
सत्र 2012-13 के लिए बीएड में राज्य में करीब 90 हजार, बीएसटीसी सामान्य व संस्कृत की 19 हजार 820 सहित शिक्षा शास्त्री पाठ्यक्रम में एक लाख से ज्यादा को एडमिशन मिलना है। बीएड व बीएसटीसी प्रशिक्षण में अब प्रवेश लेने वाले भी बड़ी संख्या में आवेदन कर रहे हैं।
भास्कर ने जब इनसे पूछा तो बताया कि फार्म भर रहे हैं, लेकिन जमा तो बाद में करवाना है।अगस्त में एडमिशन मिलेगा तो एपियर सर्टिफिकेट भी ले लेंगे। गत शुक्रवार को बीएड पाठ्यक्रम के लिए कार्यकारी एजेंसी जेएनवीयू ने अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित कर दिए किंतु प्रवेश प्रक्रिया जारी है।
ये अभ्यर्थी कॉलेज से एपियर सर्टिफिकेट प्राप्त कर आरटेट में बैठ भी गए तब भी इन्हें आरटेट का प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। बोर्ड के अनुसार उन्हीं अभ्यर्थियों को आरटेट प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिन्होंने परिणाम जारी करने से पूर्व शिक्षक प्रशिक्षण उत्तीर्ण कर लिया हो।
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