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नतीजतन आसपास के इलाके के लोग अपने घरों में कैद हो गए। अभ्यर्थी अपनी मांगों पर अड़े रहे और पुलिस व पीएसी मूकदर्शक बनी रही। एडीएम व एएसपी पूर्वी ने कई बार अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे। अधिकारी उन्हें वहां से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने में भी नाकाम रहे। इस बीच सैकड़ों लोग स्टेशन पहुंचने के लिए जाम से जूझते रहे, बाद में एक वृद्ध महिला को रास्ता देने की बात को लेकर कुछ मीडियाकर्मियों और अभ्यर्थियों के बीच हुई मारपीट के दौरान पुलिस ने मौका पाते ही लाठियां चलाकर अभ्यर्थियों को खदेड़ा। कुछ ही देर में बर्लिग्टन चौराहा जाम से मुक्त हो गया।
पुलिस ने मीडियाकर्मियोंसे मारपीट के आरोप में एक युवक को हिरासत में लिया है। वहीं पूरे घटनाक्रम के दौरान डीएम व एसएसपी मौके पर नहीं आए। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अपने पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार सुबह करीब छह हजार अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचे। इनमें महिलाएं भी थीं। वे चारबाग से जुलूस की शक्ल में विधानभवन की ओर कूच कर गए। इधर, कार्यक्रम की पूर्व सूचना के बावजूद पुलिस व प्रशासन वक्त रहते प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सका। आखिरकार सुबह करीब 10 बजे अभ्यर्थियों को पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे पर रोका। इसके कुछ देर बाद अभ्यर्थी हंगामा करते हुए बर्लिग्टन चौराहे तक पहुंच गए, लेकिन यहां सुरक्षा का घेरा कड़ा होने की वजह से आगे नहीं बढ़ सके। इसके बाद घंटों मान-मनौव्वल चलती रही। अधिकारी काफी मशक्कत के बाद भी अपने मांगों पर डटे अभ्यर्थियों को टस से मस न कर सके। ऊपर से निर्देश न होने की वजह से पुलिस व पीएसी बल प्रयोग करने से बचती रही और अभ्यर्थी नागरिकों को अपनी मनमर्जी से रोकते-टोकते रहे। स्कूल से अभिभावकों के साथ आ रहे बच्चों व स्टेशन जा रही महिलाओं व बुजुर्गो तक को निकलने नहंी दिया गया। पुलिसकर्मियों ने रोके जा रहे वाहनों को रास्ता दिलवाने के बजाए चुपचाप किनारे खड़ा रहना बेहतर समझा। अभ्यर्थियों ने इस दौरान पुतला फूंका और नारेबाजी करते रहे।
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