ये समाचार साझा किया है : दीपक द्विवेदी जी ने
बेरोजगारों के करोड़ों रुपये दबा गई सरकार
इलाहाबाद : सरकार एक तरफ बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता बांट रही है, वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारों का करोड़ों रुपये सरकारी खजाने में कैद है। यह वही पैसा है, जिसे तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क के रूप में लिया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 30 नवंबर, 2011 को सहायक अध्यापकों के 72, 825 पदों पर आवेदन मांगे थे। पहले हर आवेदक को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी।
सामान्य व पिछड़ी जाति केलिए एक जिले में आवेदन का शुल्क 500रुपये। अनुसूचित जाति/जनजाति अभ्यर्थी का शुल्क 250 रुपये व विकलांग अभ्यर्थियों का निश्शुल्क रखा गया था। प्राथमिक स्तर की टीईटी परीक्षा में 2 लाख 70हजार से अधिक आवेदन हुए थे। 12 दिसंबर, 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पांच जनपदों में आवेदन करने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया था। अभ्यर्थियों को मनचाहे जिलों से आवेदन करने की छूट दी गई। इस आदेश के पहले ही अधिकांश अभ्यर्थियों ने पांच-पांच जिलों में आवेदन कर दिया।
15 comments:
Blog editor ji aap ye bataye ki agar hc ka faisla acd base pe sunaye to agar koi apeal kare sc me to kya uski apeal acept hogi.mai to chata hu bharti start ho kisi bhi kimat par.par ye tet walo ne to pata ni kya thaan rakhi hai
सही कहा आपने गलत लोग गलत तरीके से नियुक्त हो जाय आपको केवल अपने से मतलब है। जैसे सपा सरकार को चुनने का खामियाजा uttar pradesh के लोग और tet वाले भुगत रहे है।
सही कहा आपने गलत लोग गलत तरीके से नियुक्त हो जाय आपको केवल अपने से मतलब है। जैसे सपा सरकार को चुनने का खामियाजा uttar pradesh के लोग और tet वाले भुगत रहे है।
सही कहा आपने गलत लोग गलत तरीके से नियुक्त हो जाय आपको केवल अपने से मतलब है। जैसे सपा सरकार को चुनने का खामियाजा uttar pradesh के लोग और tet वाले भुगत रहे है।
सही कहा आपने गलत लोग गलत तरीके से नियुक्त हो जाय आपको केवल अपने से मतलब है। जैसे सपा सरकार को चुनने का खामियाजा uttar pradesh के लोग और tet वाले भुगत रहे है।
सही कहा आपने गलत लोग गलत तरीके से नियुक्त हो जाय आपको केवल अपने से मतलब है। जैसे सपा सरकार को चुनने का खामियाजा uttar pradesh के लोग और tet वाले भुगत रहे है।
मेरा एक कमेन्ट कइ बार कैसे आ जा रहा है?
बात सपा सरकार को चुनने की तो यह है कि लोगों के पास आप्शन ही वही था चुनाव में | कांग्रेस ने तो क्या हालत की है वो तो सब जानते ही हैं केंद्र में |
वैसे तो सुप्रीम कोर्ट में जाने पर कुछ तो होना ही चाहिए | ये कोई तरीका नहीं है कि सरकार बदलते ही कायदे कानून ही बदल दे |
bujurgo ki ek kahawat hai ki.....jo muh upar thakar chala hai wo thokar khakar gira b hai.......yahi SP Govt. ka b hona hai agar janta ne inhe apne sar par baithaya hai to ye janta ise gira ba sakti hai...jaisa ye TET walo ke sath kar rahe hai inka hashr b bura hi hoga na jane kitne logo ki baddua in ko lagne wali hai...UP ka ek b vyakti in se khush nahi hai chahe wo kisi b warg se ho..chahe vyapar se chahe kisi or warg se....
dosto dukh is baat ka hai ki Ek CM jhoot kaise bol sakta hai jab b
TET ke partinidhi mandal ne unse bat ki unhone UP Board ke students ke sath nyay hone ki baat ki hai....kya CM Sir. ko lagta hai ki Academic se TET ki merit lagane se UP Board ke students ke sath nyay hoga....UP Board ki marking 70 Percent par ruk jati hai or dusre board jaise CBSE, ICSE Board ke marking 70 Percent se start hoti hai..CM Sir Badiya nyay kar rahe hai UP Board walo ke sath..
पता नही क्यो एकेडमिक का पक्षधर है C.M। इसका सलाहकार एकदम निकम्मे है। या तो C.M जीत के नशे मे चूर है । ये रावण से भी बङा पन्डित बन रहा है।
ऐसा नहीं है|
मुख्यमंत्री को बहुत सी जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं | और एक बात तो आप जानते ही हैं कि श्री अखिलेश यादव जी प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं | इस उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्या कम है | और सरकारी काम काज कैसे चलते है ये तो आप जानते ही होंगे, कितनी सारी फाईलें, पता नहीं कितने दिनों तक चलती है, फिर जाकर के कुछ फैसला होता है |
Jab cm abhi bachcha h to cm q ban baitha.
Pradesh chalana bachcho ka khel samajh liya h.
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