मुंबई। उत्साह से भरे समर्थकों के बीच अन्ना हजारे कमजोर लोकपाल विधेयक के खिलाफ मुंबई में तीन दिन के अनशन पर बैठ गए। जबकि प्रस्तावित कानून पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई।
वायरल संक्रमण से पीड़ित हजारे अपने घनिष्ठ सहयोगियों अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया के साथ मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स में एमएमआरडीए मैदान पहुंचे तो पूरा मैदान उनके समर्थकों की हर्ष ध्वनि भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा।
हजारे ने वंदेमातरम और इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ अपना अनशन शुरू किया। अनशन स्थल पर पहुंचने से पहले 74 वर्षीय हजारे अपनी रैली के दौरान जूहू में महात्मा गांधी को श्रृद्धांजलि देने पहुंचे। रैली सांताक्रुत, टयूलिप स्टार होटल, मिठीभाई कालेज, एसवी रोड, विलेपार्ले, खार और बांद्रा राजमार्ग से होकर गुजरी। इसे अनशन स्थल तक पहुंचने में करीब ढाई घंटे का समय लगा।
हजारे गेस्ट हाउस से एक सुसज्जित खुले ट्रक पर तिरंगा लहराते हुए एमएमआरडीए मैदान के लिए निकले। बड़ी संख्या में लोग उनका समर्थन करने के लिए सड़कों पर खड़े थे।
जुहू बीच पर लगभग बीस लोगों के द्वारा काले झंडे दिखाए जाने और उनके काफिले को रोकने पर कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति जरूर बन गई थी। अन्ना के साथ उनके हजारों समर्थकों की भीड़ थी। अन्ना प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अनशन कर रहे है।
अन्ना जुहू में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना के लिए पहुंचे थे। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्होंने वहां ध्यान किया और फिर समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए एक रैली के साथ एमएमआरडीए मैदान रवाना हुए।
अन्ना अपने सहयोगियों किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल के साथ एक राजनीतिक रथ की तरह सुसज्जिात खुले ट्रक में अनशन स्थल के लिए रवाना हुए। इस दौरान लोग उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे।
ट्रक के आगे मोटरसाइकिल सवारों का एक समूह चल रहा था वहीं उनके पीछे हजारों समर्थक सुबह की सर्दी में पैदल चल रहे थे। उन्हे एमएमआरडीए तक की 15 किलोमीटर की यात्रा तय करनी थी।
रैली के दौरान मंगलवार सुबह अन्ना को काले झंडे दिखाए गए थे। उनके बांद्रा स्थित सरकारी गेस्टहाउस से जुहू के लिए निकलने के दौरान उन्हे काले झंडे दिखाए गए।
वहीं दिल्ली में लोकसभा में विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि दिल्ली में टीम अन्ना का आंदोलन आज हल्के अंदाज में शुरू हुआ। सर्दी की वजह से ज्यादा लोग आदोलन स्थल तक नहीं पहुंचे और अन्ना हजारे की गैर मौजूदगी के कारण भी लोग रामलीला मैदान पहुंचने को उतावले नजर नहीं आए।
रामलीला मैदान में आदोलन और क्रमिक अनशन सुबह दस बजे शुरू होना था, लेकिन यह 90 मिनट देर से शुरू हो पाया क्योंकि भीड़ उतनी नहीं थी जितनी कि अन्ना के पिछले आदोलन के दौरान दिखी थी। दिल्ली के आदोलन की अगुवाई कर रहे शातिभूषण खुद ही साढ़े दस बजे मंच पर नमूदार हुए।
हालाकि टीम अन्ना के अन्य सदस्य एवं शातिभूषण के पुत्र प्रशात भूषण आदोलनस्थल पर मौजूद थे और मीडिया को आदोलन के बारे में और इसके देर से शुरू होने के बारे में जानकारी दे रहे थे। शातिभूषण तकरीबन एक घटे तक मंच पर तनहा बैठे रहे और नेपथ्य में संगीत बजता रहा। प्रशात और टीम अन्ना के बाकी सदस्य बाद में उनके पास पहुंचे।
हजारे को दरअसल दिल्ली में ही अनशन पर बैठना था, लेकिन राजधानी में ठंड का प्रकोप देखते हुए उनका अनशन स्थल बदलकर मुंबई हो गया। प्रशात ने सुबह के समय बर्फीली ठंडक और कोहरे को लोगों की कम संख्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि लोग यहा आएंगे। आज सर्दी और कोहरा ज्यादा है। लोगों को यहा आने में थोड़ा समय लगेगा। वे आएंगे। चिंता मत कीजिए।
टीम के कार्यकर्ता गोपाल राय ने कहा कि सर्दी और हजारे की गैर मौजूदगी के कारण शायद कम लोग आ रहे हैं। उन्होंने भी ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद जताई। आदोलन की जरूरत का औचित्य समझाते हुए प्रशात ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में यह विधेयक अस्वीकार्य है। आदोलन और इसके साथ ही जेल भरो आदोलन जारी रहेगा।
मुंबई में पुलिस ने अनशन स्थल को किले में तब्दील कर दिया है। वहा दो हजार पुलिस कास्टेबल 200 उपनिरीक्षक, राज्य रिजर्व बल की छह प्लाटून, तीन त्वरित कार्रवाई दल और दो बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए हैं।
अन्ना के सामने चुनौतिया :
1.ठीक उसी समय संसद में लोकपाल पर चर्चा
2.संघ एजेंट होने का काग्रेसी आरोप
3.लगातार अनशन के बाद बिगड़ा स्वास्थ्य
4.मुंबई में आतंकवादी हमले का खतरा
अन्ना का जवाब :
1.संसद सही संशोधन कर दे तो आगे का आदोलन रोक दिया जाएगा।
2.पिछले 25 साल में ऐसे आरोप कई बार लगे हैं, परवाह नहीं।
3.तीन दिन से बुखार था, मगर अनशन के लिए वह भी ठीक हो गया।
4.पाकिस्तानी हमले के बाद की जिंदगी बोनस में मिली है, जाने का डर नहीं।