इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में अभ्यर्थियों को शुरू से ही समस्याओं का सामना करना पड़ा। समस्या की शुरुआत आवेदन पत्रों से हुई और परीक्षा परिणाम आने के बाद तक जारी है। किसी ने अधिक अंक पाया लेकिन कम अंक मिले तो किसी का परीक्षा परिणाम ही नहीं आया। समस्याओं का अंतहीन सिलसिला अभी जारी है।
हजारों की संख्या में आवेदन पत्र लौट आए, जबकि अभ्यर्थियों ने पर्याप्त समय रहते आवेदन किया था। ऐसे आवेदन पत्रों को शामिल करने की मांग को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन हुए पर बोर्ड ने उनकी मांगों को खारिज कर दिया। जिनके आवेदन स्वीकार किए गए उनकी समस्याएं भी कम नहीं रहीं। हजारों के प्रवेश पत्रों में गड़बड़ी आ गई। किसी को प्राथमिक का प्रवेश पत्र मिला तो उच्च प्राथमिक का नहीं मिला। इसी तरह किसी को उच्च प्राथमिक का प्रवेश पत्र मिला तो प्राथमिक का नहीं मिला। प्रवेश पत्रों के डिटेल में भी गड़बड़ी मिली। बोर्ड दफ्तर पर समस्याग्रस्त अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने लगा। किसी को राहत मिली तो किसी को फटकार। परीक्षा की तिथि नजदीक आ गई। पर प्रवेश पत्रों की गड़बड़ी नहीं ठीक हुई। ऐसे भी अभ्यर्थी थे, जिन्होंने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों के आवेदन डाले थे पर एक का भी प्रवेश पत्र नहीं आया। अभ्यर्थी पहले बोर्ड दफ्तर के चक्कर लगाते रहे। बाद में अभ्यर्थियों को जानकारी दी गई कि जेडी कार्यालय से नए प्रवेश पत्र मिलेंगे। जेडी कार्यालयों में तीन दिन दौड़ाने के बाद कहा गया कि परीक्षा के एक दिन पूर्व प्रवेश पत्र मिलेगा। हालात यह रहे कि 13 नवंबर को परीक्षा थी और अभ्यर्थी 12 नवंबर की देर रात प्रवेश पत्र के लिए जेडी कार्यालयों पर डटे रहे। परीक्षा हो गई। 25 नवंबर को परिणाम भी आ गए। नए अनुक्रमांक वालों के परिणाम नहीं आए। हजारों अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम थोड़ी सी गड़बड़ी के कारण नहीं आए। किसी का अनुक्रमांक गलत तो किसी का वर्ग गलत।
पांच बार संशोधित हुई आंसर सीट
बोर्ड ने दो दिन बाद आंसर की भी जारी कर दी। आंसर की में 13 प्रश्नों के बोर्ड दो उत्तर बता रहा था। इसके बाद पांच बार आंसर की संशोधित की गई। इसके बावजूद भी सभी आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया गया। नए अनुक्रमांक वालों से कहा गया कि उन्हें दोबारा आवेदन करने होंगे। इसकी भी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई। अभ्यर्थियों को अखबारों के माध्यम से यह खबर पता चली। प्रदेश के कोने-कोने से अभ्यर्थियों ने आकर नया आवेदन किया। उनमें से कुछ अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम आ चुके हैं, कुछ के अभी भी नहीं आए हैं। विडंबना यह है कि बोर्ड ने अपनी गलतियों को तो सुधार लिया पर अभ्यर्थियों द्वारा हुई मानवीय भूल को नहीं सुधारा। अभ्यर्थियों से स्पष्ट कह दिया गया था कि उनके द्वारा ओएमआर शीट में की गई गलतियों पर बोर्ड कोई विचार नहीं करेगा। बोर्ड के इसी रवैये के खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है।