बड़ौत (बागपत)। चौधरी चरण सिंह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर अब तक 4162 फार्म आ चुके हैं। आवेदनों की एंट्री और कंप्यूटर में डाटा फीडिंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। आवेदनों की जांच के लिए अतिरिक्त स्टाफ की मदद ली जा रही है। शासन से डायट को मिली 100 सीटों के सापेक्ष काफी संख्या में आवेदन पहुंच रहे हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 20 दिसंबर को जारी की संशोधित विज्ञप्ति के अनुरूप आवेदन भेजे जा रहे हैं। नए नियमों के मुताबिक एक जिले में आवेदन के साथ निर्धारित आवेदन शुल्क के ड्राफ्ट की वास्तविक प्रति और अन्य जिलों में इसकी छाया प्रति लगाई जानी है। प्रवक्ता मुक्तेश्वर शर्मा ने बताया कि नए प्रारूप के मुताबिक जिन जिलों में ड्राफ्ट की छायाप्रति लगाई जा रही वहां आवेदन फार्म में दिए गए कॉलम में वास्तविक ड्राफ्ट की सूचनाएं भरी जानी हैं। रोजना सैकड़ों फार्मो की भरमार के मद्देनजर डाक विभाग ने अतिरिक्त स्टाफ को इस कार्य में लगाया है। डाकपाल ओमवीर सिंह ने बताया कि अभी आवेदनों पहुंचने की संख्या सैकड़ों में हैं, जो अंतिम तिथि तक आते-आते हजारों में पहुंच जाएगी। इसको लेकर विशेष व्यवस्था की गई हैं। डायट प्राचार्य डा. राजकुमार दुबे ने बताया कि फार्मो की तादाद बढ़ने पर प्राथमिक विद्यालयों से अतिरिक्त स्टाप बुलाकर कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करा दिया जाएगा।
निजी संस्थानों के अभ्यर्थी प्रवेश के इंतजार में बड़ौत : बीटीसी 2011 में अंतर्गत निजी संस्थानों में चयनित अभ्यर्थियों अपने प्रवेश की बाट जोह रहे हैं। जनपद के दो निजी संस्थानों की सौ सीटों में से 75 सीटों पर डायट के माध्यम से प्रवेश होना है, मगर इस संबंध में शिक्षा विभाग से कोई आदेश न मिलने के कारण सीटों के आवंटन की प्रक्रिया बाधित है। इससे लेकर अभ्यर्थी खासे परेशान हैं और डायट के चक्कर काटने को मजबूर हैं। विदित रहे बाबू कामता प्रसाद महाविद्यालय को आवंटित 50 में से आधी सीटें प्रबंध कोटे से भरी जानी हैं।
निजी संस्थानों के अभ्यर्थी प्रवेश के इंतजार में बड़ौत : बीटीसी 2011 में अंतर्गत निजी संस्थानों में चयनित अभ्यर्थियों अपने प्रवेश की बाट जोह रहे हैं। जनपद के दो निजी संस्थानों की सौ सीटों में से 75 सीटों पर डायट के माध्यम से प्रवेश होना है, मगर इस संबंध में शिक्षा विभाग से कोई आदेश न मिलने के कारण सीटों के आवंटन की प्रक्रिया बाधित है। इससे लेकर अभ्यर्थी खासे परेशान हैं और डायट के चक्कर काटने को मजबूर हैं। विदित रहे बाबू कामता प्रसाद महाविद्यालय को आवंटित 50 में से आधी सीटें प्रबंध कोटे से भरी जानी हैं।
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