आगरा : अफसरों की लापरवाही के चलते बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स) का सत्र एक साल पिछड़ गया। जब परीक्षाएं होनी चाहिए, डायट और निजी संस्थानों में युवाओं की एडमिशन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो सकी। अब अधिकारी चुनावी व्यस्तता का बहाना बनाकर सूची जारी करने से पल्ला झाड़ रहे हैं।
शासन की ओर से बीटीसी 2011 सत्र के लिए आवेदनपत्र अगस्त में मांगे गए। नवंबर में प्रक्रिया पूरी करके सूची जारी करनी थी, लेकिन अधिकारियों ने लापरवाही दिखाते हुए अब तक काम नहीं निपटाया। नतीजा दिसंबर से प्रशिक्षण शुरू होना था, लेकिन अब तक चयन सूची जारी नहीं हुई। अब चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता से उम्मीद खत्म हो गई।
विभाग की मानें तो अभ्यर्थियों के द्वारा जमा कराए गए अंकपत्र और प्रमाणपत्रों का सत्यापन का काम भी अधूरा है। इसके चलते मार्च में ही सूची जारी हो पाएगी। डायट प्राचार्य नीना कटियार ने बताया कि सूची में शामिल कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र बाहरी विवि या संस्थानों के हैं। प्रशासन की ओर से इनका सत्यापन कराया जा रहा है। चुनावी व्यस्तता के चलते काम में देरी हो रहा है।
200 अभ्यर्थी बने परेशानी का सबब
मथुरा के गुरुकुल, इलाहाबाद के राजर्षि टंडन और राजस्थान व मध्यप्रदेश के शैक्षिक संस्थानों की डिग्री, अंकतालिका आदि लगाने वाले अभ्यर्थी ही विभाग के लिए परेशानी का सबब बने हैं। चयन सूची में ऐसे उम्मीदवारों की संख्या करीब 200 है। डायट प्राचार्या ने कहा कि कई अंकतालिकाओं पर संदेह है। लिहाजा इनका सत्यापन कराना जरूरी है।