लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की परीक्षा को लेकर
चर्चाएं थमने का नाम नही ले रही हैं| इस परीक्षा में 800 परीक्षार्थियों को
पास कराने का सौदा 12 करोड़ में फिक्स हुआ था। इसके लिए शिक्षा विभाग के
एक आला अधिकारी को 50 लाख दिए जा चुके हैं। इस मामले में पुलिस ने परीक्षा
पास कराने वाले रैकेट के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस रैकेट के नौ अन्य सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। सोमवार को पुलिस ने लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह और एक एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्र को कानपुर-औरैया हाईवे पर गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पांच लाख रुपए बरामद हुए।
यह दोनों कार से रमाबाई नगर की जिला जेल में बंद अपने साथियों से मिलने जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक सुभाषचंद्र दूबे ने बताया कि दोनों ने पूछताछ में कबूल किया है कि इस रैकेट में बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। शिक्षा विभाग का एक बड़ा अधिकारी इस रैकेट का सूत्रधार है। उस अधिकारी से यह तय हुआ था कि आठ सौ अभ्यर्थियों को अच्छे नंबरों से पास कराना है और हर अभ्यर्थी से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए यानी कुल 12 करोड़ रुपए लिए जाएंगे।
इसमें आठ करोड़ रुपए उक्त अधिकारी को देने थे और बाकी के चार करोड़ रुपए का बंटवारा नरेंद्र प्रताप और रामशंकर समेत अन्य लोगों के बीच में होना था। आपको बता दें कि परीक्षा परिणामों में अब तक हुए परिवर्तन इन अभ्यर्थियों को अच्छे नम्बर दिलाने के लिए ही किये गए हैं। पुलिस अब उस अधिकारी के खिलाफ सबूत इकठ्ठा करने में तेज़ी से लग गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस रैकेट के नौ अन्य सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। सोमवार को पुलिस ने लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह और एक एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्र को कानपुर-औरैया हाईवे पर गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पांच लाख रुपए बरामद हुए।
यह दोनों कार से रमाबाई नगर की जिला जेल में बंद अपने साथियों से मिलने जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक सुभाषचंद्र दूबे ने बताया कि दोनों ने पूछताछ में कबूल किया है कि इस रैकेट में बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। शिक्षा विभाग का एक बड़ा अधिकारी इस रैकेट का सूत्रधार है। उस अधिकारी से यह तय हुआ था कि आठ सौ अभ्यर्थियों को अच्छे नंबरों से पास कराना है और हर अभ्यर्थी से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए यानी कुल 12 करोड़ रुपए लिए जाएंगे।
इसमें आठ करोड़ रुपए उक्त अधिकारी को देने थे और बाकी के चार करोड़ रुपए का बंटवारा नरेंद्र प्रताप और रामशंकर समेत अन्य लोगों के बीच में होना था। आपको बता दें कि परीक्षा परिणामों में अब तक हुए परिवर्तन इन अभ्यर्थियों को अच्छे नम्बर दिलाने के लिए ही किये गए हैं। पुलिस अब उस अधिकारी के खिलाफ सबूत इकठ्ठा करने में तेज़ी से लग गई है।