रमाबाई नगर। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम में धांधली का खुलासा करने वाली रमाबाई नगर पुलिस अब माध्यमिक
शिक्षा परिषद के एक उच्चाधिकारी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लग गई है।
इसे पुख्ता करने के लिए पुलिस की टीमें कई लोगाें के संपर्क मेें हैं।
शिक्षा माफियाओं के आका तक पहुंचने के लिए पुलिस को रास्ता भी मिल चुका
है। फिलहाल सोमवार को पकड़े गए सहायक निदेशक सहित एनजीओ संचालक को पूछताछ
के बाद जेल भेज दिया गया है।
टीईटी के परिणाम में बार-बार संशोधन की आड़ मेें सैकड़ों अभ्यर्थियों से घूसखोरी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश कर चुकी रमाबाई नगर पुलिस अब एक बड़ा खुलासा करने को प्रयासरत है। अब तक पकड़े जा चुके राज्य संसाधन केंद्र लखनऊ के एसोसिएट प्रोग्राम कोआर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह सहित कुल 11 लोगों ने कई अहम सुराग पुलिस को दिए हैं। पुलिस अधीक्षक सुभाषचंद्र दुबे ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में घूसखोरी का खेल बहुत बड़ा चल रहा है। शिक्षा माफियाओं के रैकेट का आका प्रभावशाली है लेकिन उसके खिलाफ काफी सबूत मिल रहे हैं। बताया कि वर्कआउट करने में जुटे सीओ सदर सुभाषचंद्र शाक्य, कोतवाली अकबरपुर के इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी सहित कुछ अन्य पुलिस अधिकारी लगातार कई लोगों से संपर्क में है। बताया कि सबूत को पुख्ता किया जा रहा है और जैसे ही पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए जाएंगे, शिक्षा माफियाओं के उस सरगना को कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। एसपी ने बताया कि फिलहाल सोमवार को पकड़े गए नरेंद्र प्रताप सिंह और एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्रा को जेल भेज दिया गया है। बताया कि जरूरत पड़ने पर उन्हें जेल से रिमांड पर भी लिया जाएगा।
उधर, रमाबाई नगर पुलिस द्वारा इस बड़े गोरखधंधे का खुलासा कर लिए जाने और एक उच्च अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद से माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद में भी अधिकारियों/कर्मचारियों में खलबली मच गई है। सूत्र बताते हैं कि विभाग में कई अधिकारी अपने बचाव की मुद्रा में आ रहे हैं।