रमाबाई नगर । टीईटी परिणाम में संशोधन का सौदा पूरे 12 करोड़ में हुआ था। एक-एक परीक्षार्थी से डेढ़ लाख रुपए वसूले गए थे। और तो और इस डील में एक आईएएस स्तर का अफसर, शिक्षा विभाग के दो डिप्टी डायरेक्टर समेत सात लोग अभी भी वांछित हैं। जबकि इस मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब तक पकड़े गए लोगों से 92 लाख रुपए की बरामदगी हो चुकी है। सोमवार को रमाबाई नगर पुलिस ने लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोआर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह समेत एक एनजीओ के संचालक रामशंकर मिश्र को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के कब्जे से पांच लाख रुपए की रकम बरामद हुई। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि टीईटी परीक्षा परिणाम मे अब तक हुए संशोधन घूसखोरी के लिए ही हुए हैं और इसका सूत्रधार शिक्षा विभाग का एक उच्च पदस्थ अधिकारी है। पुलिस अब उसी अधिकारी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में जुट गई है।
अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह और एक एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्र को कानपुर-औरैया हाईवे पर धर दबोचा। इनके पास से पांच लाख रुपए बरामद हुए। दोनों कार से जिला जेल में बंद अपने साथियों से मुलाकात करने जा रहे थे। एसपी सुभाषचंद्र दूबे ने बताया कि सूत्रधार अधिकारी से तय हुआ था कि आठ सौ अभ्यर्थियों को अच्छे नंबरों से पास कराना है और प्रत्येक अभ्यर्थी से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए यानी कुल 12 करोड़ रुपए लिए जाएंगे। इसमें आठ करोड़ रुपए उक्त अधिकारी को देने थे। शेष चार करोड़ रुपए का बंटवारा नरेंद्र प्रताप और रामशंकर समेत बाकी के बीच में होना था। रिजल्ट में अब तक हुए संशोधन अभ्यर्थियों को अच्छे अंक दिलाने के लिए ही हुए हैं। एसपी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद ही घूसखोर अफसरों का नाम खोला जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सूत्रधार माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद कार्यालय का एक बड़ा अफसर है। इससे पहले रमाबाई नगर पुलिस ने 31 दिसंबर को अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र से 87 लाख रुपए के साथ पांच लोग पकड़े थे। इसके बाद चार दिन पहले चार अन्य लोग भी पकड़ में आ गए थे।
अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह और एक एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्र को कानपुर-औरैया हाईवे पर धर दबोचा। इनके पास से पांच लाख रुपए बरामद हुए। दोनों कार से जिला जेल में बंद अपने साथियों से मुलाकात करने जा रहे थे। एसपी सुभाषचंद्र दूबे ने बताया कि सूत्रधार अधिकारी से तय हुआ था कि आठ सौ अभ्यर्थियों को अच्छे नंबरों से पास कराना है और प्रत्येक अभ्यर्थी से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए यानी कुल 12 करोड़ रुपए लिए जाएंगे। इसमें आठ करोड़ रुपए उक्त अधिकारी को देने थे। शेष चार करोड़ रुपए का बंटवारा नरेंद्र प्रताप और रामशंकर समेत बाकी के बीच में होना था। रिजल्ट में अब तक हुए संशोधन अभ्यर्थियों को अच्छे अंक दिलाने के लिए ही हुए हैं। एसपी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद ही घूसखोर अफसरों का नाम खोला जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सूत्रधार माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद कार्यालय का एक बड़ा अफसर है। इससे पहले रमाबाई नगर पुलिस ने 31 दिसंबर को अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र से 87 लाख रुपए के साथ पांच लोग पकड़े थे। इसके बाद चार दिन पहले चार अन्य लोग भी पकड़ में आ गए थे।