इलाहाबाद । शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अच्छी मेरिट के बाद भी प्रदेश के तमाम अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का सपना टूट सकता है। शिक्षक चयन के लिए जो आवेदन पत्र जमा हो रहे हैं उनमें तमाम खामियों के कारण 70 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के फॉर्म निरस्त कर दिए गए हैं। यहसंख्या तब है जबकि केवल 40 फीसदी आवेदन पत्रों की ही स्क्रूटनी हो सकी है। माना जा रहा है कि सभी आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी होने के बादनिरस्त फॉर्म की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर पहुंच सकती है।
आवेदन पत्र में ब्योरा भरने में गलतियों के कारण जिन अभ्यर्थियों के फॉर्म निरस्त हुए, उनमें लगभग 19 हजार ऐसे हैं जिनके मेरिट में अच्छे अंक हैं। शिक्षक चयन की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण कर रहे सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों की रिपोर्ट है कि इलाहाबाद, लखनऊ, बस्ती, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा समेत 11 मंडलों में दो जनवरी तक 70300 अभ्यर्थी काउंसलिंग से पहले बाहर हो गए। टीम को अन्य मंडलों के बारे में जानकारी हासिल नहीं हो सकी। आवेदन पत्र निरस्त करने से पहले उनका दोबारा परीक्षण कराया जा रहा है। इसके अलावा एक ही अभ्यर्थी के यदि दो से तीन आवेदन पत्र पहुंचे हैं तो उस पर भी विचार किया जा रहा है। आवेदन पत्र में यदि नाम, पिता का नाम, टीईटी का अनुक्रमांक, रोल नंबर, दसवीं, बारहवीं, स्नातक और बीएड का ब्योरा सही है तो अन्य गलतियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। सर्व शिक्षा अभियान के सह समन्वयक डॉ.अरविंद प्रकाश ने बताया कि डायट अधिकारियों को निर्देश है कि जरूरी ब्योरे में खामी होने पर ही आवेदन निरस्त किया जाए।