सहारनपुर । यह
तो हद ही हो गई। टीचर बनने का ऐसा जुनून तो पहले कभी नहीं देखा। शिक्षक
पात्रता परीक्षा पास करने वाले टीईटी आवेदकों के लिए जनपद में
डायट पर महज 800 सीटों के लिए उम्मीद से कहीं अधिक रिकार्ड तोड़ एक लाख
आवेदन फार्म आ गए हैं। फार्मों के अंबार का अंदाजा इससे ही लग सकता है कि
डायट कार्यालय पर डाक विभाग के माध्यम से आए आवेदन फार्मों को घोड़ा बग्गी
में लादकर बोरों में लाना पड़ा। जिला
शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भी आवेदकों की यह भीड़ देखकर हैरान है तो
संस्थान के कर्मचारियों को फार्मों की गिनती में ही पसीने छूट रहे हैं।
इससे भी हैरानी वाली बात ये है कि टीईटी के तहत शिक्षक बनने का सपना अभी अधर में हैं क्योंकि परीक्षा पास करने और आवेदन करने के बावजूद नियुक्तियां होने की अभी कोई संभावना नहीं है क्योंकि मार्च तक तो विधानसभा चुनाव की ही प्रक्रिया खत्म होगी। उसके बाद ही इन नियुक्तियों पर आगे कोई कदम उठाया जा सकता है। इन हालात के बावजूद टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों में टीईटी के आवेदन का जुनून कम नहीं हुआ। डायट प्राचार्य संजय उपाध्याय ने बताया कि आवेदन के लिए पांच जनपदों से फार्म जमा करने का विकल्प होने के कारण उम्मीदों से कहीं अधिक आवेदन यहां पहुंच गए हैं। उन्होंने हैरानी जताई कि नौ जनवरी को ही डायट कार्यालय पर डाक विभाग के माध्यम से आवेदन फार्मों के 80 बोरे पहुंचे। आवेदन फार्मों को यह हाल देखकर कर्मचारी भी परेशान हो गए। देर शाम तक इनमें से 30 ही बोरे खोले गए थे जबकि मंगलवार को सुबह बाकी बोरे खुलवाने के बाद उनकी गिनती का काम भी शाम तक ढंग से पूरा नहीं हो पाया। प्राचार्य का कहना है कि कार्यालय पर अब तक लगभग एक लाख आवेदन फार्म आ चुके हैं। बाकी स्थिति गिनती पूरी होने के बाद ही सामने आएगी। आवेदनों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है।
बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी में भी नहीं आए इतने आवेदन फार्म पिछले कई साल से हो रहे बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए आवेदकों की इतनी संख्या कभी नहीं रही। इनके चयन को डायट की सीटों पर आवेदन का अधिकतम आंकड़ा लगभग बीस हजार का रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि टीईटी के तहत डायट पर आने वाले आवेदनों की संख्या लगभग एक लाख तक जा पहुंची है।