गोरखपुर। टीईटी आवेदन की जांच के लिए डायट के पास संसाधन नहीं है। गोरखपुर डायट पर 9 जनवरी तक 76 हजार ने आवेदन किया है। कर्मचारियों की कमी और आवेदन की भरमार को देखते हुए डायट पर प्रशिक्षण देने वाले विशिष्ट
बीटीसी प्रशिक्षुओं से आवेदन की छंटनी कराई जा रही है। इस कार्य में
प्रशिक्षण लेने वाले 150 से अधिक अभ्यर्थियों की ड्यूटी लगाई गई है। 1
जनवरी से ही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक प्रशिक्षु यही काम कर रहे
हैं।
दिसंबर माह में शुरू हुए टीईटी के आवेदन की जांच शुरू हो गई है। 9 जनवरी आवेदन की अंतिम तिथि थी। डायट कार्यालय पर 76 हजार आवेदन पत्र पहुंचे हैं। डायट परिसर में 1 जनवरी से आवेदन पत्रों की छंटनी शुरू हो गई है। 50 आवेदन पत्रों का बंडल बना वैद्यता की जांच की जा रही है। ड्राफ्ट की आस में लगे डायट के लोग आवेदन की फोटो कापी देखकर खासे चिंतित हैं। गोरखपुर में शिक्षकों के खाली पड़े 500 सीटों पर भर्ती होनी है। आवेदन पत्रों की छंटनी में डायट पर प्रशिक्षण लेने वाले 150 से अधिक अभ्यर्थियों की निशुल्क सेवा ली जा रही है।
दिसंबर माह में शुरू हुए टीईटी के आवेदन की जांच शुरू हो गई है। 9 जनवरी आवेदन की अंतिम तिथि थी। डायट कार्यालय पर 76 हजार आवेदन पत्र पहुंचे हैं। डायट परिसर में 1 जनवरी से आवेदन पत्रों की छंटनी शुरू हो गई है। 50 आवेदन पत्रों का बंडल बना वैद्यता की जांच की जा रही है। ड्राफ्ट की आस में लगे डायट के लोग आवेदन की फोटो कापी देखकर खासे चिंतित हैं। गोरखपुर में शिक्षकों के खाली पड़े 500 सीटों पर भर्ती होनी है। आवेदन पत्रों की छंटनी में डायट पर प्रशिक्षण लेने वाले 150 से अधिक अभ्यर्थियों की निशुल्क सेवा ली जा रही है।
प्रत्यावेदन की भरमार
टीईटी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी प्रत्यावेदन भी देने लगे हैं। डायट कार्यालय पर 1500 से अधिक प्रत्यावेदन आ चुके हैं। सबसे अधिक प्रत्यावेदन उनका है जिनका नंबर बढ़ गया है।
प्रशिक्षुओं से लिया जा रहा सहयोग: प्राचार्य
डायट प्राचार्य जेएन सिंह का कहना है कि आवेदन पत्रों की अधिकता के कारण
प्रशिक्षुओं की मदद ली जा रही है। प्रशिक्षु आवेदन का बंडल खोलने के बाद
कंट्रोल नंबर डाल रहे हैं। जांच की जिम्मेदारी डायट के कर्मचारी करेंगे।
वैध और अवैध आवेदन पत्रों की छंटनी जिम्मेदार लोगों को ही करना है