कानपुर : इसे डाक विभाग की कछुआ चाल कहें कि या जिला
शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की लापरवाही कि यहां से पंजीकृत डाक
से प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए भेजे सैकड़ों अभ्यर्थियों के आवेदनपत्र
पांच से सात दिनों में भी एक जिले से दूसरे जिले की यात्रा नहीं कर पाये।
आवेदन पत्रों के लौटने से अभ्यर्थी सकते में हैं। उनके हाथों से नौकरी का
मौका छिन रहा है।
टीईटी क्वालीफाइड अभ्यर्थियों को कितने ही जिलों में आवेदन करने की छूट मिली तो एक-एक अभ्यर्थी ने कई कई जिलों में आवेदन भेजे। आवेदनपत्र भेजने की अंतिम तिथि नौ जनवरी थी परंतु यहां से 31 दिसंबर व 3 जनवरी के बीच भेजे आवेदनपत्र भी डायट से लौट आये। कुछ अभ्यर्थियों के तो वे आवेदनपत्र लौट आये हैं जिनमें बैंकड्राफ्ट की मूल कापी लगी है।
वे आशंकाग्रस्त हैं कि कहीं
उनके शेष आवेदनपत्र भी न लौट आयें? टीईटी क्वालीफाइड अभ्यर्थियों को कितने ही जिलों में आवेदन करने की छूट मिली तो एक-एक अभ्यर्थी ने कई कई जिलों में आवेदन भेजे। आवेदनपत्र भेजने की अंतिम तिथि नौ जनवरी थी परंतु यहां से 31 दिसंबर व 3 जनवरी के बीच भेजे आवेदनपत्र भी डायट से लौट आये। कुछ अभ्यर्थियों के तो वे आवेदनपत्र लौट आये हैं जिनमें बैंकड्राफ्ट की मूल कापी लगी है।
अभ्यर्थी पंकज दीक्षित परेशान हैं कि उन्होंने 31 दिसंबर को जो आवेदनपत्र पत्र आजमगढ़ (पंजीकृत डाक संख्या - ईयू.473024471आईइन) भेजा था, शनिवार को लौट कर आ गया। बृजेश प्रजापति ने बिजनौर, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, हाथरस, आगरा डायट को 3 जनवरी को आवेदनपत्र भेजे थे सभी लौट आये। शैलेश बाजपेई के 3 जनवरी को मुरादाबाद व एटा 4 जनवरी को भेजे कांशीराम नगर व बिजनौर भेजे आवेदनपत्र लौट आये। इसी प्रकार अन्य अभ्यर्थियों के कई जिलों से आवेदनपत्र लौटे हैं। आवेदन पत्रों का लौटना जारी है। तमाम छात्रों ने डाकखाने की रसीद दिखाते हुए आरोप लगाया कि डाक विभाग की लापरवाही से आवेदनपत्र समय से नहीं पहुंच पाये। उन्हें आवेदनपत्र जमा करने का दोबारा अवसर दिया जाये।
आवेदन स्वीकार करने की प्रक्रिया
पंजीकृत डाक अथवा यूपीसी से भेजे
आवेदनपत्रों की अंतिम तिथि की सूचना संबंधित विभाग डाकखाने को देता है और
संबंधित विभाग उस तिथि को देर शाम तक आये आवेदनपत्र स्वीकार करना है। अंतिम
आवेदनपत्र को स्वीकार करने के बाद संबंधित विभाग डाकखाने से लिखित लेता है
कि आज की तिथि में उनके पास कोई आवेदनपत्र नहीं है। देरी से पहुंचे आवेदन
डाकखाने से ही वापस हो जाते है। कानपुर डायट ने यही प्रक्रिया अपनाई थी।
डाक विभाग के नियमानुसार पंजीकृत डाक पंजीकरण की तिथि से तीसरे दिन पहुंच जानी चाहिए। कभी कभी बीच में कोई छुंट्टी पड़ जाती है तो कभी ट्रेन लेट हो जाती हैं फिर भी चार दिन में पहुंच ही जाती है। जिन अभ्यर्थियों को शिकायत है वे प्रमाण सहित शिकायत करें, जांच करा कर कार्रवाई की जायेगी।
- राम भरोसा, पोस्ट मास्टर जनरल
डाक विभाग के नियमानुसार पंजीकृत डाक पंजीकरण की तिथि से तीसरे दिन पहुंच जानी चाहिए। कभी कभी बीच में कोई छुंट्टी पड़ जाती है तो कभी ट्रेन लेट हो जाती हैं फिर भी चार दिन में पहुंच ही जाती है। जिन अभ्यर्थियों को शिकायत है वे प्रमाण सहित शिकायत करें, जांच करा कर कार्रवाई की जायेगी।
- राम भरोसा, पोस्ट मास्टर जनरल