लखनऊ । अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अब कोई संशोधन नहीं होगा। हाईकोर्ट के आदेश पर 26 हजार अभ्यर्थियों के रिजल्ट की जांच की गई, लेकिन किसी के अंकों में संशोधन नहीं हुआ। अभ्यर्थियों को पंजीकृत डाक से रिजल्ट की जानकारी दी जा रही है।
प्राइमरी और जूनियर बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रदेश में प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई। पहले यह अर्हता परीक्षा थी, लेकिन बाद में संशोधन करके पात्रता परीक्षा कर दिया गया। अब शिक्षकों की भरती के लिए केवल टीईटी की मेरिट को आधार बनाया गया है। इसके बाद से ही टीईटी पर विवादों की छाया पड़ने लगी। हाईकोर्ट ने पहले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में विवादित प्रश्नों को ठीक मानकर रिजल्ट संशोधित करने के आदेश दिए। इसके बाद सौ रुपये फीस लेकर रिजल्ट की जांच करने के निर्देश दिए।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिजल्ट संबंधी आपत्तियों के निस्तारण के लिए आवेदन मांगे गए। इसके लिए सौ रुपया फीस ली गई।
निर्धारित तिथि दो जनवरी तक 26 हजार प्रत्यावेदन मिले। दस जनवरी तक सभी का निस्तारण कर दिया गया। 26 हजार आवेदनों में किसी भी अभ्यर्थी के रिजल्ट में संशोधन नहीं हुआ और न ही किसी के अंक बढ़े। लगभग साढ़े सात हजार अभ्यर्थियों को रजिस्टर्ड डाक से परिणाम की जानकारी भेज दी गई है। शेष अभ्यर्थियों को 15 जनवरी तक सूचना भेज दी जाएगी।