23 January 2012

Latest UPTET News : फीरोजाबाद : डाक विभाग ने छीना बेरोजगारों से मौका



फीरोजाबाद : इससे तो अच्छा है एक दिन की छुंट्टी ले लेते तथा मैनपुरी जाकर फार्म वहां के डाकघर में डाल आते। अब तो नौकरी का मौका भी हाथ से गया। कुछ यही अलफाज निकल रहे हैं फीरोजाबाद के तमाम युवाओं के मुख से। डाक विभाग की स्पीड पोस्ट पांच दिन में मैनपुरी एवं इटावा भी नहीं पहुंच सकी है। एक के बाद में दूसरा फार्म वापस लौट रहा है।
 
डाक विभाग के प्रति टीईटी आवेदन कर रहे अभ्यर्थियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। एक के बाद दूसरे आवेदक पर फार्मो के बंडल पहुंच रहे हैं। वहीं चौंकाने वाली बात यह है प्रदेश में 5 दिनों में डाक विभाग रजिस्ट्री एवं स्पीड पोस्ट डिलीवरी नहीं कर पाया है। ऐसे में आवेदकों ने कोर्ट में जाने की तैयारी की है। अगर आवेदकों ने कोर्ट में अपील की तो डाक विभाग के लिए भी दुश्वारियां खड़ी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
 
गौरतलब रहे, जब प्रदेश में सिटीजन चार्टर लागू है। उस दौर में डाक विभाग धन लेकर भी सेवा समय सीमा में नहीं दे रहा है। डाक विभाग आज भी पुराने ढर्रे पर नतीजा सामने है। प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाते हुए जैसे-तैसे परिवार चलाने वाले शिक्षकों ने सैकड़ों रुपए खर्च कर टीईटी के फार्म भरे, लेकिन यह फार्म वापस लौट आए हैं। डाक विभाग की इस गलती ने नौकरी का मौका भी इन आवेदकों से छीन लिया है। अब आवेदक इधर-उधर दौड़ रहे हैं। किशन नगर निवासी विवेक उपाध्याय को ही देखें। विवेक ने भारतीय डाक सेवा की स्पीड पोस्ट सेवा से पांच जनवरी को 15 फार्म अलग- अलग जिलों में भेजे थे। विवेक उपाध्याय के पास अब तक 15 फार्म वापस लौट आए हैं। विवेक का कहना है कि नौकरी का मौका मिला। डाक विभाग ने मौके को छीन लिया। कुछ ऐसा ही हाल मुंशी महाराज इंटर कालेज के शिक्षक उपेंद्र कुमार उपाध्याय का है। इन्होने भी 5 जनवरी को स्पीड पोस्ट से 13 जिलों में आवेदन किए थे। अब तक उपेंद्र के नौ फार्म वापस आ गए हैं। चौंकाने वाली बात है फीरोजाबाद के पड़ोसी जिले इटावा एवं मैनपुरी तक के फार्म भी वापस आए हैं। 
सूचना अधिकार में भी नहीं देते जवाब 

यह हाल पहली बार नहीं हुआ। मंडल स्तर पर महिला प्रवक्ताओं की चयन प्रक्रिया हुई थी उस वक्त भी डाक विभाग की ही देरी से कई फार्म वक्त पर नहीं पहुंचे। तमाम लोगों ने सूचना अधिकार में डाक विभाग से जानकारियां भी मांगी, लेकिन आज तक मैनपुरी के डाकघर ने सूचनाएं देना भी मुनासिब नहीं समझा। 

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