रमाबाई नगर । अभ्यर्थियों को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) में पास कराने वाले रैकेट में रमाबाई नगर पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर दो फरार शिक्षकों समेत चार लोगों को पकड़ा है। इनके कब्जे से एक कार और 35 हजार रुपए बरामद हुए हैं। इन्हीं लोगों की निशानदेही पर पुलिस अब शिक्षा विभाग के एक बड़े अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। हालांकि उक्त अधिकारी के बारे में पुलिस ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है। एसपी सुभाषचंद्र दुबे ने बताया कि मनीष और माधव पर ढाई-ढाई हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
मालूम हो कि रमाबाई नगर पुलिस ने बीते 31 दिसंबर 2011 को अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में कार को रोक कर उसमें बैठे चालक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 87 लाख नगद बरामद हुए थे। यह रुपए आगरा सहित आसपास के जिलों के 50 से अधिक अभ्यर्थियों से टीईटी परीक्षा में पास कराने के लिए वसूले गए थे। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया था कि वे इन रुपयों को लखनऊ में बैठे मनीष उर्फ मोहन चतुर्वेदी और माधवेंद्र उर्फ माधव सिंह को आपूर्ति करने जा रहे थे।
शनिवार को अपर पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर और सीओ सदर सुभाषचंद्र शाक्य ने बताया कि शुक्रवार की शाम को मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ के साथ रमाबाई नगर पुलिस ने कानपुर-औरैया हाइवे पर रायपुर कसबे के निकट एक आई टेन कार (यूपी80 डीपी, 5607) को घेर कर रोका और कार में बैठे मनीष चतुर्वेदी पुत्र सुरेंद्र नारायण चतुर्वेदी निवासी ग्राम पृथ्वीपुर थाना इकदिल, इटावा (औरैया के कमारा ब्लाक स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक), माधवेंद्र सिंह उर्फ माधव पुत्र स्व. सत्य प्रकाश सिंह चौहान निवसी ग्राम वाधिनी थाना बरहन, आगरा (बंदायू में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक), हेमंत कुमार शाक्य पुत्र राधे श्याम निवासी रेलवे रोड, थाना कोतवाली मैनपुरी (ठेकेदार जल निगम) और योगेश कुमार पुत्र तेज सिंह निवासी तेजपुर थाना एका, फिरोजाबाद गिरफ्तार किया। इन सभी के कब्जे से पुलिस ने 35 हजार रुपए बरामद किए।
इनअभियुक्तों ने बताया कि टीईटी अभ्यर्थियों से दो से ढाई लाख वसूले गए थे। परीक्षा में पास कराने की जिम्मेदारी जिस अधिकारी ने ली थी, उसने प्रत्येक अभ्यर्थी पर सवा लाख रुपए की मांग की थी। बताया कि प्रत्येक अभ्यर्थी पर पांच हजार रुपए कमीशन मिलना था। पुलिस ने लखनऊ और यूपी बोर्ड से कुछ लोगों के नाम तो नहीं उजागर किए, पर इतना जरूर बताया गया कि इस रैकेट में शिक्षा विभाग का एक बड़ा अधिकारी शामिल है।जिसके पहले ही पचास लाख रुपए की खेप पहुंचाई जा चुकी है। रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी पुलिस कर रही है।